माना अब तुम मेरे साथ नहीं हो
पहले जैसे कोई हालात नहीं है
अब दूरियां है नजदीकी से भी
रिश्ते में अब वो बात नहीं है
आज तेरे रास्ते अलग हैं मेरे रास्तों से
तेरा खुदा अलग है मेरे मंदिर से
अब टूट गए वह सारे सपने
जो सपने थे तेरे मेरे
कुछ अधूरे सपने उभरते हैं जेहन में
जब बर्दाश्त नहीं होते हैं तो निकलते हैं धार में
यकीन रखता हूं मेरी मोहब्बत पर
वह वजूद बनाता हूं ताश के पत्तों पर
जिंदगी का प्यारा इतिहास हो तुम
वो प्यारी सी किताब हो तुम
तुम्हें पढ़ना चाहता हूं तुम्हें समझना चाहता हूं
तुम मैं बस इतना खोना चाहता हूं
मैं बस वापस लौटना नहीं चाहता हूं
मैं तुम्हें खुदा का करिश्मा बताऊंगा
मुझसे जो बन पड़ेगा मैं अपनी औकात से भी ज्यादा करके दिखाऊंगा
तुम को लौटना पड़ेगा यह विश्वास है मेरा
तुमको आना पड़ेगा यह यकीन है मेरा
Sapno se adura Ankit
- Er,Ankit
8 FEB 2019 AT 22:04