आंसू आँखों में दिखेंगे कैसे
आंसू ही तो मैं पी रहा हूँ
इस दिल के टुकड़े होंगे कैसे
टुकड़ो में ही तो मैं जी रहा हूँ-
अकेले दौड़ने वाले अक्सर धीरे दौड़ते हैं क्योंकि उन्हें पता नहीं होता कि दुनिया कितनी तेज़ दौड़ रही है।
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शरीर का सबसे बड़ा पर अदृश्य अंग मन है
ये एक ऐसा अंग जो मस्तिष्क के भी पार है
जो कोई रख पाया, इस अंग पर नियंत्रण है
उसके जीवन की नैया, भवसागर भी पार है-
मैं बातें बुनता हूँ , जोड़ जोड़ कर कहता हूं
लंबे लंबे msg लिखता हूँ , ब्लू टिक का इंतज़ार करता हूँ
मैं जितना बातें बनाने .... शुरू करने में अच्छा हूँ
वो उससे भी कहीं ज्यादा एक स्माइली भेजकर बात खत्म करने में अच्छी है 😂🤣😂
फिर भी उसके स्माइली के लिये ही सही .... msg मैं रोज करता हूँ।-
ना कहीं देखा ना कहीं सुना,
कुछ ऐसी है तू,
सिलेबस के बाहर से आये
क्वेश्चन पेपर सी है तू ...
जितना था दिमाग ,
उतना पूरा लगाया ...
फिर भी समझ न पाया
कि ऐसी कैसी है तू ??
ऐसी कैसी है तू💖💞💓
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यादों की किताब के पन्नो पर बसा है
जहां आबो हवा में जैसे कोई नशा है
एक भुला हुआ शहर भुला न पाया हूँ
आज दूर उससे भले ही मैं आ गया
पर शायद मैं दिल वहीं छोड़ आया हूं-
जो बसी है दिल में उसका जन्मदिन आता है
बस यही सोचने में पूरा महीना बीत जाता है
उसे क्या कहूँ , क्या बोलूं जो उसे सुहाता है
कभी बेचैनी कभी गुस्सा तो कभी कभी प्यार
न जाने कितने रंग नटखट नवम्बर दिखाता है।-
बंजर जमीन है या खण्डर बर्बाद है
बिन तेरे वजूद मेरा बस एक याद है।-
ना कहीं देखा ना कहीं सुना,
कुछ ऐसी है तू,
सिलेबस के बाहर से आये
क्वेश्चन जैसी है तू ...
जितना था दिमाग ,
उतना पूरा लगाया ...
फिर भी समझ न पाया
कि ऐसी कैसी तू है??
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