मैं रोज़ लिखता हूं..अब लिखने की है तलब मुझे
लिखकर रोता हूं न हसने का करता है मन मुझे
उन यादों के इन शब्दों से बस मिलता है अब गम मुझे
अनचाहे ही नाजाने क्यों यूं आज भी करता हूं याद तुझे।।
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Sleep
Write
Repeat
Instagram-ankit_7kushwaha
इस रात की क्या बात करूं,
हर सांस को तेरी मैं फिर से याद करूं,
तू साथ क्यूं नहीं,रब से यह फरियाद कहूं,
अनजाने ही सही,हर जनम, तेरा ही प्यार बनूं।
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हाथों की लकीर कभी मिटाए नहीं मिटती
जैसी थी वो हमेशा, है वो वैसी ही रहती
किस्मत की गाड़ी है सबकी उस पर ही चलती
जो चल पड़ी तो सुख अन्यथा बेबसी ही देती।
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तुम बस याद तो करो वो क्यों नहीं आएगा
तेरी परछाई बन कर हर पल साथ निभायेगा
तेरा दुख हर के वह अपनी खुशी दे जायेगा
इस रोते रूह को वो फिर से हसाएगा
तुम बस याद तो करो वो क्यों नहीं आएगा।
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हार गया मैं खुदसे जब पाया दूर उसे मुझसे
रोया मैं फिर से ना हस पाया उस दिन से
कांप उठा रूह थर से जब याद आए वो किस्से
की कोशिश बड़ी मुश्किल से पर भुला ना पाया उसे इस दिल से
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उन यादों को याद ना करूं तो क्या करूं
खुश नहीं हूं दिल से तो हस कर क्या करूं
इस मुस्कुराहट से अपना दुख छलकाऊं
या उसकी यादों को भूल जाऊं
वो कह दे एक बार जो मैं फिर से उसका हो जाऊं
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खुशी के पल तो सबके साथ बांटें तुमने
पर गम के वक्त मैं ही याद आया
रोते हुए देखा तुम्हें जब मैंने तो
तुझपर फिर से प्यार उमड़ आया
तेरी उदासी न भायी मुझे सच कहता हूं
अपने रूह को रोने से मैं नहीं रोक पाया
तेरे पास आया तुझे गले से लगाया
पर इस दिल को आज भी तुझसे बहुत दूर पाया।।
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सबको खुश करते-करते कहीं उसकी खुशियों को मत भूल जाना
सबसे मिलने की खातिर कहीं उसको यूं अकेला न छोड़ जाना
दोस्ती की मशाल लिए बेशक तुम एक मिसाल बन जाना
पर एक बार झूठा ही सही उसे दोबारा प्यार का एहसास करा जाना।।
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क्यों नहीं दिखता तुम्हें कि मुझे यह पसंद नहीं
खड़ा हूं यहां पर फिर भी तुम्हें दिखता मैं क्यों नहीं
तेरा हाथ थामा था यह सोच कर कि नहीं छोडूंगा उसे कभी
वरीयता का था सब खेल जिसे नहीं समझ पाया मैंने पहले दिन से ही।।
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