Ankit Kumar Varnwal   (अंकित कुमार वर्णवाल)
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Joined 28 April 2019


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21 APR 2022 AT 6:05

चिड़िया....🐦🕊️....✍️

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15 APR 2022 AT 16:13

सब्र तुम्हारा कुछ-यूं इस क़दर किया रखा है,
कि गर्मी के मौसम में पसीना बहा रखा है।।....😂😥😥🤪

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7 JUN 2021 AT 10:16

तब समझ लेना
तुम्हारे अल्फ़ाज़, जज़्बात, एहसास सब मर चुके है,
या
भर चुका है तुम्हारा मकां शब्दों के मयखानों से,
या
भर पड़ा है समंदर तुम्हारे स्वप्नों के पैमानों से,
या
पड़ चुकी है खाली म्यान बिन तीर-तलवारों के,
या
झड़ चुकी है क्यारियां माली के दुकानों में,
या
रहा नहीं कुछ बाकी मस्तिष्क के जमाने मे,
और फिर भी जब कुछ लिखा न जाए,
तो समझ लेना सुख पड़ी है कलम तुम्हारी पन्नों के अरमानों से।

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11 MAY 2021 AT 0:07

फ़रेब से भरी पड़ी है ये दुनिया,
यहाँ लोगो को पहचानना अब मुश्किल-सा हो गया है।....✍️

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9 MAY 2021 AT 0:45

Every girl is gonna be a mother by nature.... So respect your mother and safe your girl, cause nature is the only one who having a permission to give the birth from a tiny plant to a big tree.... So safe your nature too, like your mother....❤️🙏

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1 MAY 2021 AT 21:05

सुना है हवा साफ हो गयी थी पिछली सुबह,
और इस सुबह बेची जा रही बाज़ारों में।
वे महफूज़ थे अपने घर मे सुकून के साथ,
और यहां कफ़न नसीब नहीं हो रही अपनों को।
लोग दफ़न हो जा रहे है बिना कब्र के,
कम पड़ जा रही है लकड़ियां जलने को।
देह को दाह तक नसीब न हुई,
संस्कार भी नहीं जा रहे मिलने को।
क्या रात आई है मिलने अपनों से,
कि सांसे चली जा रही मिनटों में।
अब बचा नहीं कुछ कहने को, कि
वे भूल गए है सपनों को।
काल ये कैसा आया है,
कि काल इसमें समाया है,
वो रात चली जाएगी, पर अपने फिर न आयेंगे,
हम थमते रह जाएंगे, पर समय थम न पायेगा।।....✍️

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29 APR 2021 AT 17:35

सफर लंबा है,
गलियां सुनसान है,
सड़क वीरान है,
पंछी परेशान है,
लोग हैरान है,
और अगर हाथ छूट गया,
तो ज़िन्दगी समशान है।....✍️

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28 APR 2021 AT 12:38

थक जाती है सांसे,
सहम जाते है कदम,
कांप उठती है रूह,
बस ख्वाब पूरा करने की जज़्बात में,
पर हार नहीं मानती है ये ज़िन्दगी।
किसी को पाने की ख्वाइश में,
किसी को खोने की साजिश में,
कुछ थमते आख़िरी पन्नों के सहारे में,
कुछ उगते पन्नों के उजालों में,
कुछ भरते हौसलों के प्यालों में,
कुछ खाली होते दबते सवालों में,
हार नहीं मानती ये ज़िन्दगी।।....✍️

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28 APR 2021 AT 12:21

कुछ दवाएं दर्द को भर देती है....✍️

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28 APR 2021 AT 12:16

आज-कल के लोग साथ मिलने को तैयार है, पर साथ बैठने को नहीं,
और तो और लोग साथ चलने को तैयार है, पर साथ निभाने को नहीं।....✍️

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