जिंदगी ओर हालात
सब आपके ऊपर है जनाब
आप ही बिगाड़ सकते हो
आप। ही सुधार सकते हो
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कि तेरे लिए रोय बहुत हैं
कि तेरे लिए जागे बहुत हैं
अब तो रोना भी बन्द कर दिया तेरे लिए
क्योंकि तेरे लिए अपनों को रूलाया बहुत हैं
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तू देख जिस दिन मेरे मौत पर बरसात होगी
तुझे भी किसी के मरने की आहट होगी
और तू भी बैठ कर देख रही होगी
किसी अपने की मौत का मंजर होगा
जब जाएगी तेरे घर के सामने से अर्थी उठकर
तेरे यार की समाधि पर भी तब धरती बंजर होगी
Written by
Ankit Kumar-
उठाया बेग ओर चली
मां से कहा मैं जा रही हूॅ कोचिंग
देखा चलती जा रही हैं रास्ते में
ओर फोन पकड़ लिया हाथ में
ओर टकराते हुए जा रही है
बड़े चार पहिया बारे बहानो से
बाद में पता चला टकराईं क्यों थी
बो फोन कान पर चिपकाई हुई थी
Written by
Ankit Kumar-
फूलो की दुकान खोलो।
खुशबू सा प्यार करो।
इश्क खता हे । तो इस खता
एक बार नहीं।सो बार करो
Written by
Ankit Kumar
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