Ankit kumar   (Ankit)
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Joined 30 August 2019


Joined 30 August 2019
13 MAY 2022 AT 10:10

ये इश्क की बाज़ी है साहब,
गर जीत गए तो सब हमारा,
हार गए तो सनम हमारा।

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18 DEC 2020 AT 20:29

ज़िंदा को पूछे ना कोई,
मुर्दे को नहलाते हैं,
ज़िंदा को रोटी ना मिले,
मुर्दे के लिए ब्राह्मण पूजे जाते हैं।

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14 MAY 2020 AT 20:18

सुना था ऊपर वाले को
अपने बाशिंदों पे बड़ा रहम है,
हजारों लाचार आज सड़क पे हैं,
और मौसम बेरहम है।

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30 MAR 2020 AT 22:13

क्या भरोसा करें उन लोगो का
जो कहते थे,
मरने से डर नहीं लगता साहब,

आज मौत क्या करीब आयी,
सबसे पहले इरादा साहब का ही बदला।

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7 MAR 2020 AT 20:21

क्या रखा है इन तल्ख़ियों में
दुनिया में सभी बुरे हैं,किसी ना किसी के लिए

तुम मुझे अच्छा कहो, मैं तुम्हें
यही काफी दोनों की खुशी के लिए।

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13 NOV 2019 AT 22:16

उसके चेहरे पे आज भी नज़र ठहरती है
उसके नाम से आज भी धड़कन बढ़ती है

हज़ार बार कहा दिमाग ने
वो तेरी किस्मत में नहीं

दिल ने कहा, इंतज़ार करना क्या गुनाह है
कभी कभी किस्मत भी बदलती है

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1 NOV 2019 AT 19:09

ये कमबख्त चस्मे का असर है
या हालात का,

आंखें नम होना भूल गई है।

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22 OCT 2019 AT 6:53

चंद अल्फ़ाज़ ही काफी है
किसी को पराया करने के लिए,

पूरी उम्र भी कम है
अपना बनाने के लिए

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12 SEP 2019 AT 20:00

बड़ी तमन्ना है मेरा भी हाल पुंछे कोई,
"केसे हो?" मुझसे ये सवाल पुंछे कोई।

थक गया हूं झूठ का बढ़िया बताते बताते,
कभी तो सच्चा सवाल पुंछे कोई।

बड़ी तमन्ना है मेरा भी हाल पुंछे कोई,
बड़ी तमन्ना है मेरा भी हाल पुंछे कोई।

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