Ankit Kumar   (Ankit)
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Joined 1 February 2019


Joined 1 February 2019
26 JUN 2021 AT 14:49

कुछ इस कदर मोहब्बत हो गई है उसे मुझसे
मेरे न होने से अच्छा उसे मौत लग रहा।।

वजह ही वजह है उसके पास मुझसे दूर जाने के
वो फिर भी मेरा साथ दिये जा रहा।।

एक मैं हूँ जो वक्त न होने के बहाने बनाता
एक वो है जो हर वक्त मुझे अपना वक्त दिये जा रहा।।

बात तक नहीं करता उसका मैं लोगों के सामने
और वो हर महफिल मे मेरा नाम लिए जा रहा।।

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25 JUN 2021 AT 21:26

अब वो हो चुका है किसी और का
मै भी कहां अब उसका रहा ।
मिलते भी है गर हम तो बस अजनबियों के तरह
अब पहले जैसा कहां कुछ रहा।।


ख्वाहिश तो होगी उसे भी वापस लौटने की
मै भी बस अब दुआ कर पा रहा ।
एक दर्द सा छुपा है उसके आवाज मे
मै भी कहां अब कुछ बोल पा रहा।।

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17 FEB 2021 AT 14:37

पत्तों का क्या है, वो तो वक्त के साथ झड़ जाते हैं

पर नहीं खिलती जो कलियां डर कर माली से

भौंरे भी कहां उसे मुंह लगाते हैं।।

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28 DEC 2020 AT 18:11

मेरी मोहब्बत मेरी आदत छोड़ने की जिद्द थाम लीं थी उन्होंने

फिर यादों ने कहा - " मेरा क्या करोगे " !!

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9 NOV 2020 AT 21:10

वो दर्द क्या समझेंगे तुम्हारे

जो हर तरफ बस अपनीं खुशियां तलाशते हैं।।

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18 JUL 2020 AT 23:54

है वक्त यही है पल यही
तुम ये जान लो
जो जा चुका वो न आएगा
तुम ये मान लो
आगे का सोचना व्यर्थ है
ना मानो तो सोच कर देख लो
जो है तेरा वो तेरा आज
कल ये न आएगा
तुम ये जान लो
अभी तो सो रहे हो कल को नींद नहीं आएगी
जाग सको तो जाग लो
फिर ये आज कभी नहीं आएगी।।

जीवन तो एक दरिया है
बहते ही जाऐंगी
सुख-दुख के दो किनारों से
धीरे-धीरे गुजरते ही जाऐंगी
है कर्म तेरा है धर्म तेरा
तुम सुख-दुख को अपनाओ
दो पल की ये जिन्दगी है
हंस-गाकर इसे बिताओ।
अभी तो सो रहे हो कल को नींद नहीं आएगी
जाग सको तो जाग लो
फिर ये आज कभी नहीं आएगी।।

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7 JUL 2020 AT 21:10

समझा था जिन्हें ठोकरों का सहारा

जो गिरा तो हाथ दिखाकर वे हंसने लगे।।

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3 JUL 2020 AT 22:38

कुछ इस तरह हम इज्ज़त कमाते हैं

दोस्त गरीब और दुश्मन खानदानी बनाते हैं।।

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30 JUN 2020 AT 21:14

संसार मे जब तक एक भी प्राणी दुखी है
तब तक किसी का भी सुख पूर्ण नहीं है

यह भावना जिस दिन हर एक मनुष्य के
मन मे आ जाएगा उस दिन संसार से
सारे कष्ट दूर हो जाएंगे।।

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25 JUN 2020 AT 21:25

यूं तो वर्षों हो गए तूझे छोड़ कर गए हुए
पर आज भी तूझे खुद मे महसूस करता हूँ

खुश हो जाता हूँ तेरा नाम सुनकर
हाल तेरा सबसे पूछा करता हूँ

ऐसा नहीं कि कोशिश नहीं की तूझे भूलने की
पर सच कहूं तेरी यादों के सहारे ही जीता हूँ

यूं कृष्ण तो नहीं हूं मैं पर तूझे
अपनी राधा समझ आज भी पूजता हूँ।।

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