सूर्य सा तेज़ ताप होगा
मन में उठता उच्च कोटि आग होगा
होगा जो कुछ भी मगर
काल सा विकराल होगा, कोई हलाहल नाग होगा
साम होगा दाम होगा, भिसड एक संग्राम होगा
संघर्ष ही विराम है
जीवन एक संग्राम है,
उम्र गुजरी जाती है जैसे ढलती कोई शाम हो
मुश्किलें हैं की जैसे चिलचिलाती घाम हो
आज जो तुम हो जीते, तुमपे है नाज़ हमे
है पता ये जीत का नशा, जैसे कोई ज़ाम हो
है अगर ये संघर्ष तो लड़ूंगा सहर्ष मैं
संघर्ष ही विराम है
जीवन एक संग्राम है।
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