Ankit Jaiswal   (कड़वे घूंट)
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एहसास के पॉंव नहीं होते फिर भी दिल तक पहुँच जाते हैं
Joined 23 June 2019


एहसास के पॉंव नहीं होते फिर भी दिल तक पहुँच जाते हैं
Joined 23 June 2019
13 APR 2020 AT 20:47

मीडिया राजनीति के कोठे पर बैठी वो तवायफ़ है जो हर रोज़ बिका करती है

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29 MAR 2020 AT 21:49

अजनबी रंग छलकता हो अगर आँखों से

उन से फिर हाथ मिलाने की ज़रूरत क्या है



{covid 19}

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29 MAR 2020 AT 1:10

पत्थरों के शहर में कच्चे मकान कौन रखता है..
आजकल हवा के लिए रोशनदान कौन रखता है..
अपने घर की कलह से फुरसत मिले तो सुने..
आजकल पराई दीवार पर कान कौन रखता है..
जहां जब जिसका जी चाहा थूक दिया..
आजकल हाथों में पीकदान कौन रखता है..
खुद ही पंख लगाकर उड़ा देते हैं चिड़ियों को..
आजकल परिंदों मे जान कौन रखता है..
हर चीज मुहैया है मेरे शहर में किश्तों पर..
आजकल हसरतों पर लगाम कौन रखता है..
बहलाकर छोड़ आते है वृद्धाश्रम में मां बाप को..
क्यूँकी आजकल घर में पुराना सामान कौन रखता है..

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31 AUG 2019 AT 23:02

Kuchh log apni aukat dikha dete hai
Girane ki firaq mein bas ilzaam laga dete hain

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29 AUG 2019 AT 22:59

लोग भी बड़े अजीब होते है गलत साबित होने से पहले माफ़ी नहीं मांगते बल्कि तालुक तोड़ देते है

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17 JUL 2019 AT 7:38

Jawaniyon me jawani ko dhul karte hain
Jo log bhul nahi karte bhul karte hain

Agar Anaarkali hain sabab bagaavat ka
Salim hum teri sharten kabool karte hain

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17 JUL 2019 AT 7:31

ha aek harf ka andaaz badal rakha hain
Aaj se humne tera naam gazal rakha hain

Maine shaahon ki mohabbt ka bharm tod diya
Mere kamre me bhi aek Tajmahal rakha hain

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16 JUL 2019 AT 19:34



बुलाती है मगर जाने का नईं 
ये दुनिया है इधर जाने का नईं

मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर
मगर हद से गुजर जाने का नईं

सितारें नोच कर  ले जाऊँगा
में खाली हाथ घर जाने का  नईं

वबा फैली हुई है हर तरफ
अभी माहौल मर जाने का नईं

वो गर्दन नापता है नाप ले
मगर जालिम से डर जाने का नईं

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12 JUL 2019 AT 9:44

जाने क्यों रिश्तों में जज्बात बदल जाते हैं
कभी लोग तो कभी हालात बदल जाते हैं

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6 JUL 2019 AT 17:53

बातों को गुप्त रखने का रहस्य
जो आप चाहते हो कि आपकी कुछ गुप्त बातें ,गुप्त ही रहें तो इसका एक और केवल एक ही उपाय है कि आप स्वयं किसी से न कहें
हर बात मित्रों से न कहना क्योंकि मित्रों के भी मित्र होते हैं

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