ये रास्ते मंजिलों तक जाते क्यूं नहीं है,
ये जो गैर हैं अपने हो जाते क्यूं नहीं है।
मैं यूं ही इंतजार करता हूं दरखतों पर,
ये पंछी है कि लौट कर आते नहीं है ।-
अगर रास्ते बने हैं फिसलने के लिए
तब.....
एक और सदमा जरूरी है सम्हलने के लिए....।-
उन्हे तो तलब है किसी और की
मैं तो बस रास्ते का पत्थर हूं.......।-
हर ब्रांड को इम्तिहान से गुजरना पड़ रहा है
हर शख्स यहां एक पैकेट के लिए लड़ रहा है...।
यूएस 312 की भारी कमी हो रही है बाजार में
और कितनों का माल गोदाम में सड़ रहा है....।-
मेरे शिकस्तों की भी लिखी जाएगी कहानी
यूं ही आसानी से मैं मरूंगा नहीं......।-
बेहतरीन की तलाश में
बेहतर खो रहे हैं
जिन्दगी देख
हम जुदा हो रहे हैं
फैसला तो है उनके ही हाथ
खामखां ही हम खुदा हो रहे हैं
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मेरे लहजे में बयां हो
कोई बात ऐसी कर l..।
तू आए और जाने का
नाम ना ले
आखिरी बार एक
मुलाकात ऐसी कर...।-
मेरी अच्छाइयों से वाकिफ
ना कराया किसी को....।
शहर भर में मेरी बुराइयों का
शोर मचा दिया....।
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अगर निभा नहीं सकते
तो भुलाने का सोचो
गर रह नहीं पाते उसके बिना
तो निभाने का सोचो-
अब बचा ही क्या
जो गुनगुनाएंगे
भरी भीड़ में
अकेले रह जाएंगे
याद करेंगे तेरी बातों के ताने-बाने
खामोश राहों में अकेले मुस्कुराएंगे-