इश्क़ तेरा
नफरत और मोहब्बत का मेल है
इश्क़ तेरा
मेरी नज़रों की नकेल है
इश्क़ तेरा
बिन सलाखों की जेल है
इश्क़ तेरा-
It's only the half of me
The rest I... read more
आखिर तेरा हुस्न भी तेरे किसी काम ना आया,
अकेले में तो आते सब पर कोई सरेआम ना आया
हाथ पकड़ने को बेताब पर हाथ थामने को नाराज़ी,
आया ज़बां पे गुलाब और चांद पर तेरा नाम ना आया
-
, जो तू लौट आया है,
हमें तो अपने वादे से मुकरना नहीं आता,
किया था हमने ज़िन्दगी भर इंतज़ार का वादा,
अब इंतज़ार के सिवा हमे कुछ करना नहीं आता-
जख्मों पे निशां बना लेता हूं
ये निशां
मेरी मोहब्बत का वजूद बताते हैं
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वो थी मेरी बाहों में,
यूँ तो बीत गया अरसा इस बात को,
पर लगता है जैसे कल की ही बात थी-
थोड़ी सी नफरत मेरे नाम कर दो,
तुमसे इश्क़ की मशहूरी ना सही,
तुम्हारे रश्क़ में थोड़ा बदनाम कर दो,
मेरा महल हुआ मैखाना,
पैमाने में ज़हर को अब जाम कर दो,
खुशी तुम्हारी है मेरी तड़प से,
हसरत ज़रा ये सरेआम कर दो,
हासिल करके जिसको छोड़ दिया तुमने,
अवाम में मुझको तुम वो मुकाम कर दो,
थोड़ी सी नफरत मेरे नाम कर दो-
भुलाने में उनको, कभी उनको भुला नहीं पाए,
सच पूछो तो
उनके आँसू तो पोंछें, पर खुदको कभी रुला नहीँ पाए,
सच पूछो तो
वो आते रहे ख्वाबों में और हम खुदको कभी सुला नहीं पाए
सच पूछो तो
हम रहे हमेशा उनके करीब, पर उनको करीब कभी बुला नहीं पाए
सच पूछो तो..-