क्या लिख रहे हो जिंदगी अब तुम्ही बता दो जो करना चाहता हु वो कर नही पा रहा जो कर रहा हु वो भी नही कर पा रहा ना खवाएशे अब कुछ बची है ना उम्मीद किसी से रह गया है बस दिल ऐ तमन्ना है की अब तू ही मुझे कुछ राह बता दो।
एक आखिरी कोशिश अब बची है जिंदगी के लिए फिर मौत के इंतजार में जीना है दो रोटी के चक्कर में हम इंसान पूरी उम्र लगातार दौड़ते रहते है किसी न किसी काम के पीछे।