मैं सायर से मदारी हो गया हुँ
मुझे करतब दिखाने पड़ रहे है।
यकी मानो मैं फूलों मे पला था
मगर पत्थर उठाने पड़ रहे हैं। ।-
पैरों की मैं धुल तेरी माथे लगा लूँ l
शीश काटूँ, भुजा काटूँ, स्तुति करूँ आपकी
आँतों को निकाल तार वीणा के बना दूँ ll
मंच बनूँ तांडव का मेरे महाकाल
आज्ञा हो आपकी यदि मेरे नाथ
स्थान बाघ छाल के मैं दे दूँ मेरी खाल
वो मिले चुके मुझे , ना बैठा मैं तो किसी आस में
बैठे जो कैलाश उनका वास मेरी सांस में
हेतू भोले आपके सर काटूँ नाथ मैं
कृपा भोले साथ और चंद्रहास हाथ में-
सुर बिकाऊ साज़ भी बिकाऊ
खुल जाते जल्दी राज भी बिकाऊ
लहू बिकाऊ और लिहाज बिकाऊ
तख़्त बिकाऊ और ताज़ बिकाऊ
बचाये जाते पैसे से लोग यमराज भी बिकाऊ
किस्ती बिकाऊ और जहाज बिकाऊ
सुरमा बिकाऊ नोज पिन भी बिकाऊ
जिस पर काला तिल वो चिन भी बिकाऊ
बिकती है बाते बिकती है राते,
बड़े सस्ते होते है ये दिन भी बिकाऊ — % &-
मैं अज़ल से बंदा-ए-इश्क़ हूँ
मुझे ज़ुहदों कुफ्र का गम नहीं...
मेरे सर को दर तेरा मिल गया
मुझे अब तलाश-ए-हरम नहीं...
मेरा एक नज़र तुमको देखना
ए खुदा मौत से काम नहीं..-
The one who is gone does not know how heavy the burden of memories is
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The difficulty that we seen our life,
are the distraction we see when our eyes are off our GOAL,-
You can never loose what u never had,
You can never keep what was never yours,
You can never hold on to something that can never stay,-