रोज़ की है बात । देश में ,
युद्ध छेड़ा है । आवेश में ,
अब ना रही सही-गलत की
प्रचार-प्रसार ने बढ़त की ।
नेताओं का किया गलत है
देश हो रहा आलस्त है ।
गुटबाजी है चरम पे
न्याय फीर रहा भ्रम पे ।
सत्य का न रहा बोलबाला
जिस करवट बैठा...
लिबरल या भक्त साला !!!-
📍RJ_19⚔️UP_84
रिश्तों की समझ , समझ आने के पहले से है..
वरना , बचपन में बात कि गहराई के हिसाब से
कस्मे न खाते !!!-
ख़्वाब... मुकम्मल ना सही
यादों में तो बुलाया होता
गैर... अपने ना सही
अपने आरोपों का गुनहगार तो बनाया होता !!!-
मै जिया नहीं .. फिर भी , इन आंखों से वो
मंज़र देखा है
सालों से ठहरा है जो , वो बहता
समन्दर देखा है
आख़िर .. वो जीके भी क्या करता
उसने , जीते जी...
मोहब्बत के हाथ , खंजर देखा है !!!-
"आंखों में नमी कर गए"
तुम्हें तो समझा था आसमां.. पल भर में ज़मीं कर गए...
जो थी खता , खुद से खुद को गुनहगार कर गए
पल भर तो रुके होते , किंतु खुद को इस दुनिया से बरी कर गए...
असली के साथ तुम्हें भी ' माही ' समझा था
फिर भी चेहतो में मेरी तुम अपनी
कमी कर गए...
जिसकी ना थी कल्पना सपनों में भी , तुम उसकी हंसी कर गए...
तुम्हें तो समझा था आसमां पल भर में ज़मीं कर गए !!!-
.. ऎ आस
बीते लम्हों के बीच , रास्ता हो तेरा
.. जिस
तरनुम्म में तराने लिए फिरू , उससे वास्ता हो तेरा
.. अगर
कल को मुख मोड़ भी लिया , तुने
.. तोह तू
जिस गली से निकले , तुझे देख
... "खास्ता हो हर चेहरा" !!!
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जो बीत गया वो ,
'बचपन' कैसा..
जो बर्बाद ना था वो ,
'युवन' कैसा..
जो सिखा ना गई वो ,
'जवानी' कैसी..
जो इंसान ना था फिर उसमें ,
"इंसानियत" कैसी !!!
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कुछ पा लेने की ख़ुशी
कुछ खो देने का गम
यह ही है यारा...
ज़िन्दगी का सितम !!!-
इश्क़ उसने भी किया , इश्क़ तुमने भी किया
बस्स फ़र्क
" वतन" और "बदन" का है !!!-
बीच मझदार में ..
वो मेरे ही साथ थी
लहरों ने धोका दिया होगा ,
वो ऐसे कभी ना करती..
ज़रूर समय ने ही चौंका दिया होगा ,
... वैसे तो है ...
उसके आशिक़ कई हज़ार ,
पर इस बार नए वाले के चलते .. उसने
हमें भुला दिया होगा !!!-