थोड़ा रुक के कहीं आराम कर ले,
ये यादें बड़ी ही दूर तक जाती हैं!-
बड़ी हड़बड़ी है
ख्वाइशें सिरहाने पड़ी है
थमी सी थी जो कुछ दिनों से,
देखो जिंदगी सरपट चल पड़ी है...!
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बड़ी हड़बड़ी है
ख्वाइशें सिरहाने पड़ी है
थमी सी थी
जो कुछ दिन से,
देखो जिंदगी
सरपट चल पड़ी है।-
अब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती है
सांस लेता हूँ जख्मों को हवा लगती है
कभी मुझसे खफ़ा लगती है
जिंदगी तू ही बता तू मेरी क्या लगती है।
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मेरे पास पूजा है आरती है आराधना है
ज्योति है आरती है ममता है
और सपना भी है
तुम्हारे पास क्या है?😊-
*बहुत सुक्रिया सर् जी इस प्रेम आभार के लिए*
*हमें भी अब तक के जीवन मे आप जैसे गुरु को पाना किस्मत है मेरी, यह ईश्वर की कृपा है आप मेरे मार्गदर्शक गुरु है जब भी मुश्किल समय आया है आप उसमें रास्ते दिखाएँ है* (जब भी मन परेशान होता है दिल आपको ही याद करता है सर् से बात करें सही हो जायेगा और सर् आप यक़ीन मानिये आपसे बात करने के बाद बुक हाथ मे आ जाती है) आपके इस शख़्सियत को शब्दों में बयां नही किया जा सकता।
*ईश्वर से यही प्राथर्ना करते हैं आपका स्नेह भरा प्यार, मार्गदर्शन सदैव बना रहे*।🙏
कुछ पंक्तियां आपके लिए...
*सोचा कि मंजिल तक रहा कैसे बनाएं*
*मेरे प्रिय गुरु आप ने मिलकर राह दिखाएं*
*उम्मीद से हाथ मिला लिया हो सके तो अब किस्मत संवर जाए अब ऐसे किस्मत लिखने वाले गुरु को कभी न भुलाए*।👏👏-
Happy Teachers Day🙏💐
कूजागर जिस तरह से इक बुत बनाता है,
इक मुदर्रिस उसी तरह आलिम बनाता है,
इल्म बांटने वाले फरिश्तों से कम नहीं है,
जहां में सबको काबिल इल्म बनाता है।
कूजागर=कुम्हार, मुदर्रिस=शिक्षक,
आलिम=योग्य, विद्वान,
इल्म=ज्ञान, विद्या,
फरिश्ता=देवदूत-
Happy Teachers Day🙏💐
कूजागर जिस तरह से इक बुत बनाता है,
इक मुदर्रिस उसी तरह आलिम बनाता है,
इल्म बांटने वाले फरिश्तों से कम नहीं है,
जहां में सबको काबिल इल्म बनाता है।
कूजागर=कुम्हार, मुदर्रिस=शिक्षक,
आलिम=योग्य, विद्वान, इल्म=ज्ञान, विद्या,
फरिश्ता=देवदूत-
कभी जब दिल घबराए,
मन कुछ पल के लिए
सुकून ढूढ़ना चाहे,
या खुद को तराशने
का जी चाहे
तो घाट चले आएँ-