🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 "क्या जाने क्या होना है उम्र भर, कहाँ हँसना और कहाँ रोना है उम्र भर। ये जीवन के खेल निराले है प्यारे, किसका साथ लम्हों का है और किसका साथ है उम्र भर।।" ~~अंकित 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
ये लेख लिखना भी एक विशेष कला है, जो जी करे बस लिखते जाओ, एहसासों को शब्दों में बुनते जाओ। जो समझ आए लिख लो, जो न समझ आए उसे पहले समझो, और फिर लिखते जाओ।। ~~अंकित
मुद्दतों के बाद आज मेरी कलम ने कुछ ऐसा कहा - "भला कोई क्या समेटेगा, बिखरे पड़े जो टुकड़े मेरे दिल के इस मंजर में। हमारी उफ्फ तक न निकली, न जानें कैसा जादू था उसके खंजर में।।" ~~अंकित