Äńkít Bőśś Golden Heart   (Shayari & Quotes)
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Joined 3 April 2020


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Joined 3 April 2020

खोजता रहा "मैं" सदैव आपको,
पर आप कभी न मिले।
परन्तु जब भुला "मैं" स्वयं को,
तो सिर्फ और सिर्फ आप ही मिले।।
~~अंकित

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बड़प्पन वह गुण है जो पद से नही,
संस्कारों से प्राप्त होता है।
परायों को अपना बनाना,
उतना मुश्किल नही ।
जितना अपनो को
अपना बनाए रखना है।।
~~अज्ञात

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"किसी का दिन बाकी है,
किसी का पल बाकी है।
आए हो तो जाना निश्चित है प्यारे,
किसी का आज तो किसी का कल बाकी है।।"
~~अंकित

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"क्या जाने क्या होना है उम्र भर,
कहाँ हँसना और कहाँ रोना है उम्र भर।
ये जीवन के खेल निराले है प्यारे,
किसका साथ लम्हों का है और किसका साथ है उम्र भर।।"
~~अंकित
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नही ये कोई विशेष बात,
यहां सबके अपने - अपने झमेले हैं।
तू क्यों ताकता है किसी की तरफ
यहां सब अकेले हैं।।
~~अंकित

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ये लेख लिखना भी एक विशेष कला है,
जो जी करे बस लिखते जाओ,
एहसासों को शब्दों में बुनते जाओ।
जो समझ आए लिख लो,
जो न समझ आए उसे पहले समझो,
और फिर लिखते जाओ।।
~~अंकित

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तेरी नजरों से घायल हूं।
तुझे क्या पता,
कि तेरे हुस्न का कितना कायल हूं।।
~~अंकित

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मुद्दतों के बाद आज मेरी कलम ने कुछ ऐसा कहा -
"भला कोई क्या समेटेगा,
बिखरे पड़े जो टुकड़े मेरे दिल के इस मंजर में।
हमारी उफ्फ तक न निकली,
न जानें कैसा जादू था उसके खंजर में।।"
~~अंकित

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12 SEP 2022 AT 14:57

कर्म करते रहने से कभी आगे बड़ा नही जा सकता है !
लेकिन हां कर्म को एक ध्यान और उत्तम योजना के साथ किया जाए,
तो परिणाम स्वतः ही बेहतर आते हैं !!
~~अंकित

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10 MAY 2022 AT 13:21

Shayari/Quote No. 1478

बड़ा ही अजीब इत्तेफ़ाक है।
कि ये पारिवारिक सम्बंध भी एक दूसरे के ना रहे।।
✍️ ~~अंकित

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