मेरी उम्र कट रही है
तन्हाई में ,
वो मज़े से सो रही है अपनी रज़ाई में
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मैं जब भी उसे भुलाने बैठता हूँ ,
मैं फिर उसे अपने और क़रीब ले आता हूँ.
सोचता हूँ की काम का बोझ कितना होगा ,
कि उसे भुलाना थोड़ा आसान होगा.
इस दरमियाँ ...
मैं चाय से कॉफ़ी पर शिफ्ट हो गया,
देखते ही देखते मैं दूसरो के साथ म्यूट हो गया.
पर जब भी,
ब्रेक लेता हूँ ,
हर-बार की तरह वो याद आ जाती है.
मैं ये जानता हूँ ,
अब वो नहीं आयेगी ..
फिर क्यों मैं उसे सोचने बैठता हूँ ?
ये सोच मैं उसे फिर भुलाने बैठता हूँ
मैं उसे और अपने क़रीब ले आता हूँ !
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जो भी हक़ था ,
उसे खो चुका हूँ
मैं तुझसें दूर हो के ,
ख़ुद को खो चुका हूँ-
हमे इश्क़ में और इंतज़ार नहीं करना -२
सुनो ॰॰॰
तुम्हारे पीछे हमे और वक़्त बर्बाद नहीं करना .-
जिस्मों में उलझनें से पहलें मैं तुम्हारे ज़ुल्फ़ों
में उलझना चाहता हुँ .
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जो बिक जाते है एक गुलाबी नोट में ,
वो क्या बतायेंगे हमारी औक़ात इस जहान में.-
हाथ पीले और माँग तेरी लाल हो ’
जा तुझे तेरी दूसरी ‘ मोहब्बत मुबारक हो-
रोटी भी बना दूँगा
पैर भी दबा दूँगा
रे बावली ,
पहले शादी तो कर ले
फिर जो बोलेगी वो दिलवा दूँगा !-