"वहम से भी अक्सर ख़त्म हो जाते हैं रिश्ते
कसूर हर बार गलतियों का ही नहीं होता।"
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ये वक़्त हैं,
गुजर ही जायेगा।
किसी के आने,
किसी के जाने से,
जिंदगी रुक तो जाती नही।
ये वक़्त हैं, ज़नाब
कुछ न कुछ
सीखा कर ही जायेगा।
कुछ अपने पराये हो गए
और कुछ अपने न हो कर भी
अपना एहसाह दिला गए।
ये वक़्त हैं, ज़नाब
अपना भी आएगा।
©अनकहीं रोशनी-
हम मध्यमवर्गीय लड़कियाँ, उड़ना चाहती हैं ऊंची उड़ान ,
पर पिंजरा खुलते ही फिर फिर पंख फड़फड़ा लौट आती हैं वापिस।😶
©अनकहींरोशनी-
मौन रहिए तब तक
जब तक
बोलना जरूरी न हो जाए !
क्योंकि मौन रहना
निरर्थक बात
कहने से अच्छा होता है।
©अनकहीं रोशनी-
हाँ माना मैंने,
मैं गुस्सा हो जाया करती हूँ
तुम्हारी छोटी-छोटी बातों पर
रुठ सी जाया करती हूँ!
तुम भी कभी समझा करो,
मुझे और मेरी बातों को।
क्यों मेरा हाल हो जाता है,
ऐसा ?
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काश! कभी एक भाई की जगह
दोस्त भी बन जाया करो।
पास बैठ बातें भी किया करो।
कभी कुछ अपनी कहो,
कुछ मेरी बातों को सुनो,
भाई कभी दोस्त बन जाया करो।
एक भाई से अच्छे
दोस्त बन कर देखो।
हर बात बताऊँगी
अपनी सारी।
कभी प्यार से भी बात किया करो,
हर वक्त गुस्सा अच्छा नही लगता,
कभी प्यार से भी बात किया करो।
काश! कभी एक भाई की जगह
दोस्त भी बन जाया करो।
©अनकहीं रोशनी
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