बिना मेरे रह भी नहीं पाते है,कान्हा है कि बात बात पर रूठ जाते है,
जो मनाऊं मैं प्यार से तो मान भी जाते है, वो कान्हा है सब जानते है-
इस राधा को मुस्कुराना भी
तो तुमने ही सिखाया है,
कान्हा ज़िन्दगी को ज़िन्दगी
भी तुमने ही बनाया है ।।-
अकेले होके भी लगा कभी अकेलापन नहीं,
जिसमें तू शामिल ना हो कान्हा वो पल मेरा है ही नहीं ।।-
कान्हा दुनिया से दूर मैं रहूं खोई तेरे ख्यालों में,
राज़ तो तेरा ही था तेरा ही रहा है सबके दिलों में।।-
कान्हा तुझमें बसी मेरी पूरी की पूरी दुनियां है,
तेरी आंखो में अपनी छवि देखे हुई सदियां है ।।-
कान्हा की दीवानी कान्हा की दीवानी ही रही,
लाख आयी दूरियां बीच कभी अलग ना कर सकी ।।-
बृज की हर बाला है कान्हा तेरी ही दीवानी,
तू है आधार,तुझसे ही मुकम्मल है जिंदगानी,
तुझसे शुरू, तुझपे ख़तम है राधा की कहानी,
इतना सा यह किस्सा तू मेरा हिस्सा है रूहानी,
बनाया जो इस काबिल मुझे है तेरी मेहरबानी,
सुन कान्हा तुझपे ही फ़िदा है ये तेरी राधारानी ।।-
इक डोर से बंधे है ,तुझमें ही कहीं बसे है,
ज़िन्दगी में खुशियां कान्हा तेरी वज़ह से है ।।-
ज़रा सा दूर क्या गए कान्हा तुम तो हमें भूल ही गए,
मनाना तो दूर की बात तुम तो चुपचाप सामने से गुज़र गए ।।-