अनकहे अल्फ़ाज़.   (Ravind Gupta)
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Instagram _ ravind.gupta.18
Joined 13 December 2019


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" धीरज कितना रखू मै अब
मिलन की बेला आने में
भीतर-भीतर टूट चुका हुं
तेरे ख्वाब् सजाने में " !!

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If a guy talks well ... it doesn't mean he is easy / available / interested ... it means he has good manners !!!

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रेत की तरह है
यहाँ सब रिश्ते
थोड़ी सी हवा जो लगी
उड़ जाते है !

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"ध्यान का अर्थ है भीतर से मुस्कुराना....और सेवा का अर्थ है इस मुस्कुराहट को औरों तक पँहुचाना "...💫
🙏

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कुछ मुस्कुराहटो कि वजह नहीं होती

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माशुमियत् बच्चे सी हो , चिंता माँ सी हो
कर्तव्य पिता सा हो ,
अब व्यक्तित्व् और कैसा हो ..!

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क्यों गुरूर करते हो अपने चार दिन के ठाठ पर
मुट्ठी भी खाली रहेगी जब पहुंचोगे घाट पर 🙏🏻

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शब्दों के दाँत नहीं होते... पर ये काट लेते हैं ।
दीवारें खड़ी किये बगैर, हमको आपस मे बाँट देते हैं।।

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ये ख्यालो का क्या करुँ मैं,जो मुझे तुझ तक पहुँँचाते है ।
जब भी ये कलम चलती है ,तेरे ख्यालातों मे डूब जाते है ।।

और पिरोना तो अल्फ़ाज् ,तेरी यादों के बगैर चाहते है ।
पर क्या करें मेरे हर लफ्ज ,शुरू तुझसे होना चाहते है ।।

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मैं बालक नया नवेला, विजय के पथ पर चला अकेला
प्रभु की धुन में अधीर होकर, चला हूँ अब तो फ़कीर होकर
नदी के पानी का बन के रेला,विजय के पथ पर चला अकेला
उधर विरोधी जहान सारा,इधर अकेला प्रभु का प्यारा
न साथ कोई चेली न कोई चेला,विजय के पथ पर चला अकेला

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