ANJULA AGRAWAL  
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Joined 17 August 2020


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Joined 17 August 2020
26 MAR 2023 AT 15:59

बातें तो बहुत हैं पर कभी कह ना सके
कहना चाहा भी जब जब तुम सुन ना सके
सोचा ख़ामोश लबों को ही पढ़ जाओगे तुम
पर नायाब इन कोशिशों को भी अंजाम तुम दे ना सके 😮

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26 SEP 2022 AT 14:06

हम ग़ैर ही सही ग़र ग़ैर ही अपने लगते हैं
अपना कहला के ही क्या होगा जब हम तुम्हें ग़ैर लगते हैं

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4 APR 2022 AT 18:33

शब्दों के प्रहार से
पर ख़ामोश ना रहो
रोता है दिल तुम्हारी खामोशी से

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24 MAR 2022 AT 16:17

कैसा घाटा और कैसा मुनाफ़ा रिश्तों में
व्यापार नहीं ये रिश्ता है कुछ फ़रिश्तों सा
हो जाते हैं गिले शिकवे
पर बात ज़रूर कीजिए......
🌿🌿🌻🌻🌿🌿
सुलझता है रिश्ता सुलझाने से
बनता है रिश्ता बनाने से
न हो सुबह से शाम यारों बात ज़रूर कीजिए
दरारें भी भर जाती है एक दिन क़ोशश ज़रूर कीजिए


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7 MAR 2022 AT 16:17

शुक्रिया दीदी 🙏🏻🙏🏻

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29 JAN 2022 AT 17:39

थोड़ा थोड़ा करके समेटा था खुद को
ज़र्रा ज़र्रा करके ज़िंदगी बिखरती चली गयी

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21 JAN 2022 AT 12:59

शोर करने से उलझनें सुलझ नहीं जाती......
ख़ामोशी वो जवाब है जो ज़ुबां दे नहीं पाती ....

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12 JAN 2022 AT 20:06

गुज़रा वक़्त लौटकर दोबारा कभी आता नहीं
झड़ जाते हैं जो पत्ते शाख़ से फिर कभी आते नहीं
जी लो आज के इस वक़्त को जी भर
आनेवाला वक़्त हँसाएगा या रुलाएगा ये भी पता नहीं

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8 JAN 2022 AT 20:20

तो चाहत मिलने की ज़रूर रखना
खो जाता है वक़्त तो फिर मिलता नहीं
ये तुम याद रखना

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5 JAN 2022 AT 19:10

मुस्कुरा देते हैं हम क्यूँकि ये हमारी आदत में शुमार है
वरना कौन हँसता है आँखों में समंदर लिए ...

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