हर एक काश के पीछे हजारों अधूरी हसरतें रखती है
चमकती आंखों के पीछे रातों जगी करवटें रखती है
एक धोखा है उसकी मुस्कुराते चेहरे में
गौर से देखना इसमें वो तमाम उलझनें रखती है-
जिसने गीता का ज्ञान सुनाया...
अधर्मियों से धरती को मुक्त कराया...
स्वागत करते हैं उनका आज फिर से...
जिसने प्रेम का सच्चा पाठ पढ़ाया...-
जब तक जी रही हूं ये दुआ करती हूं
तू हर रोज़ मरे मैं जिस तरह मरती हूं-
Lagti hai nadan si pr jine ka tarika janti hai
Ye ladki dard me bhi hasne ka salika janti hai-
Khwab aur armaan ka saman sara tod ke
Chle jate agr tum aj mujhko chhor k
Dil me dobara aane se fir ishq katrata
Seene me rehta pr bina saans ke mr jata-
Is raat ko is chand ko har pal rakhenge yaad hum
Ki is lamhe me hue the ishq me barbaad hum-
पीड़ा
प्रेम की हो
विरह की हो
प्रसव की हो
तमस की हो
कसक की हो
ठसक की हो
वो झेल जाती है
वो नारी है
वो आग से खेल जाती है-
हमारा प्रेम पूरा कैसे ना होता
वो खुद को कान्हा
और मुझे राधे बुलाता था-
मुश्किल नहीं रहा
तुमसे यूं बिछड़ के जीना
बस एक उम्र थी जो
तुझे याद कर काटनी थी-
Koi na tha mere pas dilasa dene ko...
Mai khud ki baaho me sar rakh k royi hu...-