Anjali Suvasiya   (Annie)
229 Followers · 2 Following

Joined 27 September 2019


Joined 27 September 2019
3 MAY 2023 AT 13:28

महरूम में रही रिफ़ाकत ए इनायत से तेरी
मयस्सर अब हूं खड़ी यहीं कही मुन्तज़िर में तेरी
अफ़सोस कि अब कुरबत मेरे तू ही नही
क़िस्मत ए नूर में मेरी

-


5 AUG 2022 AT 12:58


मुश्किल है क्या
बिन सोचे, समझे
चेहरे पर मुस्कुराहट लाना
मुश्किल है क्या
बिन दिमाग लगाये
प्यार से गले लिपट जाना
मुश्किल है क्या?
बिन शर्त बाजी के
निस्वार्थ प्रेम लुटाना
हुआ जो यु तो
सोचो अगर में हो जाऊ परिन्दा
तो क्या अपनी उड़ान से करूँगा शर्मिंदा
जैसे न होकर भी पंख
बाहें फैलाकर उड़ना किसी का
लगता रास न आता शायद
दुनिया को मेरा ये तरीका
पुछु में अगर तो
मुश्किल है क्या
बिन किये सवाल जवाब के
संतोष भरी
हामी जाताना
मुश्किल है क्या
बिन मोह अहं भाव के
बेमोल खुशिया दे जाना
यक़ीनन ...मुश्किल तो नहीं
आँख भरी हो अगर किसी की तो
बिन हिचके आँसू जरूर पोंछ जाना
भले ही न खुश हो तुम
मगर किसी उदास को हँसता छोड़ जाना
चलो इस बात पर
थोड़ा तुम भी मुस्कुराना
ज्यादा न सोचो बेदाम है....
ज्यादा तनाव में न आना

-


4 JAN 2022 AT 1:25

जो आज है
क्या कल भी रहेगा
इस पल में बीता लम्हा
फिर लफ़्ज़ों में कुछ कहेगा
सांसों से उठकर
मन धड़कन बेसर्बी से सुनेगा
जो कल होगा
क्या आज में दिखेगा
असमंज का सागर
कब किनारे आकर छलकेगा
पीछे जाने वाले सवाल
में कोई किस हद तक क्या क्या पूछेगा
पहेलियां ये सारी
क्यों, कैसे और कौन बुझेगा
इंतेज़ार में
बैठे हुए आख़िर ज़वाब कब मिलेगा

-


6 MAR 2021 AT 10:51

ऐसा लगे है जैसे
अरसा गुजर गया हो
खुद से ही
बातें किए, मिले हुए, देखे हुए
ना जानें कहां गुम हूं
इस जिंदगी की भागती दौड़ती
चकाचौंध में,
उजियारा इतना है कि अंधियारा
क्या है भुल गए
ऐसा लगे है
जैसे हम जी रहे थे
वैसे अब शायद जीना भुल गए
सुबह हुई, शाम भी ढल गई
ना जाने क्यूं रात आते आते
मेरे घर की फिर राह भूल गई

-


23 OCT 2020 AT 0:23

मावडी थारा पगल्या पड़िया
उगियो रे पूनम रो चांद
मावड़ी रुमझुम करता आजो
राखिजो ममता रो हाथ
मावड़ी थारा मंदरीया में
दिवला री जोता जलांवा ला
करीजो टाबरिया रो उद्धार
आवजों मावड़ी थे तो रमती
गरबो रमजो आने सारी रात
मावड़ी थारा तीखा नैना में
झांके है जगत यो संसार
आन दीजो थारो मिठो आशीर्वाद
करीजो दुखियारा रा बेड़ा पार
मावड़ी पधारो थे तो पावन्ना सा
में तो घणी करा थारी मणवार

-


18 DEC 2021 AT 23:32

चुप न रहो
लोग गूंगा समझेंगे
लफ्ज़ में भी कहोगे तो
इशारा समझेंगे
थोड़ी तहज़ीब दिखाओ
तुम्हारे आगे – पीछे फिरेंगे
जहां खरा बोल दिया
राह चलते, अनदेखा करेंगे
झूठ कहोगे तो समझदार कहेंगे
सच बोलकर देखो
सब अपनी ओकात में दिखेंगे
कुछ न सहो
लोग लाचार समझेंगे
छोटी सी हरकत पर भी
सौ तंज कसेंगे

-


18 DEC 2021 AT 23:31

चुप न रहो
लोग गूंगा समझेंगे
लफ्ज़ में भी कहोगे तो
इशारा समझेंगे
थोड़ी तहज़ीब दिखाओ
तुम्हारे आगे – पीछे फिरेंगे
जहां खरा बोल दिया
राह चलते, अनदेखा करेंगे
झूठ कहोगे तो समझदार कहेंगे
सच बोलकर देखो
सब अपनी ओकात में दिखेंगे
कुछ न सहो
लोग लाचार समझेंगे
छोटी सी हरकत पर भी
सौ तंज कसेंगे

-


7 DEC 2021 AT 0:32

एक टक ताकते आजमाना है
तोड़ के पिंजरा उड़ जाना है
कौनसा फिर याद आना है
आंखों में बसी छपक
को रोज़ जगाना है
बदलते मौसम अपनाना है
जोड़ के जज़्बा पंख फैलाना है
खुद से,
आज़ाद हो जाना है
रेत सा जमीं में बिखर जाना है
चुप बैठ हमें समझ जाना है
कोई अकेला नहीं
भीड़ में अब चलता जमाना है

-


18 NOV 2021 AT 22:02

रोज़ होती सुबह, उठता है सोया मेरा मन
दिन के बेरंग उजाले में जिसे भरना होता रंग
कोशिश रहती हैं रात में
ख्याली दुनिया में गुम हो जाऊं
सोचूं बस सोचूं यहीं की
वही कहीं किसी कोने में छुप जाऊं
लेकिन मैं अभी मुझमें पूरा नहीं बाकी हूं, इक्ट्ठा कही
झूठी बंद आंखों के तले
फिर से वो आवाज़ सुन लेता हूं जिसके कहने से में
बिन सहमति के ही तपाक भर नींद खोल उठता हूं
ये नित्य रोज़ कहता है अलविदा
जाता मगर कही नही, बस पहर
की चोखट से पलटकर फिर से लौट आ जाता है
बंद आंखों के तले जो विचारिक दुनिया दिखाता है
क्योंकि लड़ना है रोज़
जब तक उगेंगी बंधित भोर
बाकी तो फिर चलो और फिर से चलते रहो
क्योंकि जागना है जरूरी
यहां बेसुध जो जाना मुर्दे के समान है
नींदों में मर जाना, लापता के नाम हैं
होगी सुबह में फिर से जाग जाऊंगा
सूरज की चमक में
उम्मीदों का बोझ ढोते ढोते
में भी तारा हो जाऊंगा
रात का चांद नही दिन का सितारा बन जाऊंगा

-


15 NOV 2021 AT 22:11

समय कि पाबंद संध्या
ढलती जाएं रे,
अपने आगोश में दिनकर
छुपता जाएं रे,
ऊंचे नजारों से थककर
चिड़िया रानी घरौंदे पर
लौट जाएं रे,
रोशनदार पहर स्याह में
रंगा जाएं रे,
सवेरा अपराह्न में
विकाल में घोर रात
में ढल जाएं रे
...
जाऊं मैं कहां !
ये सवाल मन में आए रे ?
न जवाब समझ में आए रे !

-


Fetching Anjali Suvasiya Quotes