Anjali Sonkar   ((अंजलि सोनकर))
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Invest in urself, it pays the best interest..
Insta:- anjali_sonkar_45
Joined 29 October 2019


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28 DEC 2021 AT 23:32

कहर सा चिलमन मेरा ,मुस्तकिल तुम्हारे इरादे लगते हैं,
साजिशें तुम्हारी निगाहों में, मगर मुहाफिज भी तुम्हारी ही बाहें लगती हैं,
इश्क तुमसे बड़े गहराइयों सा, मगर इल्म तुमसे जादा ज़माने के लगते हैं..!!

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15 DEC 2021 AT 21:53

लकीरों से सवालों में रुसवाइयों की सुध में डूब जाना ...
ढक कर सलीको से दर्द को धड़कनों की आवाज़ में भी गुम हो जाना ,
फिर लबों पे बात हो मगर कमियों के बहाने छुट ना जाए साथ...
के ख़ुद खुदा भी फ़िदा हो जाए कुछ इस तरह कर्मों से सवर जाना...

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7 OCT 2021 AT 17:27

कहना नहीं आया अरमान तो बोहोत सारे थे,
बेफिजूल मेरी बातें जज़्बात तो बस तुम्हारे थे,
बेचैनी में बेहेक मैं जाती और सुकून सारे तुम्हारे थे,
हम हर दफा दर पर झुकते गए मगर रूठना बस तुम्हारा लाज़मी था,
ना जाने मैं कैसे इस गमोह के व्यापार में फस गई और नज़रों के सामने सारे चेहरे मुस्कुराते थे..."

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5 OCT 2021 AT 21:29

व्यापार समझ मेरे जज्बातों को टुकड़ों टुकड़ों में बेचा हैं...
रोम रोम मेरी कांप उठी उस नज़र ने मुझे जो देखा है,
एक ही घर में थे हम एक अरसे से मगर इसमें घर कभी नहीं बसा हैं...
मोहोब्बत के आगे अब तो शराब भी सस्ता नशा है,
जर्रा जर्रा उनकी बेवफाई का, किश्तों में बस नफ़रत भरता गया हैं...
मेरे आंसू सिलवटे तोड़ चीख चीख कर दर्द बयां करती रही
ख़ैर छोड़ो,
दम घुट जाता हैं मेरा जब याद उसके फरेबो का किस्सा आता हैं...

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28 SEP 2021 AT 23:49

इरादे मज़बूत हैं भुलाने के,
इसीलिए तो नींद से भी अब डर लगता हैं...
तुम बेरुखी बरक़रार रखना,
मुझे तो अब शहर बदलना ही ठीक लगता हैं...

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28 SEP 2021 AT 23:05

कैद करके खुदमे मुझको रिहाइयो की गुहार नहीं सुनता
और लफ्जो में मुझे सबसे सुंदर नशा बताता है
रहने दो बेहाल कम्बक्त नज़रों में उसके कभी तो मेरा हाल झलकेगा
ना जाने कैसा क़िरदार हैं उसका बेवफ़ा हाथ थाम के नज़रों से नज़रंदाज़ कर देता हैं
और ख़बर हैं की शहर मुझे ही अपना हमसफ़र बताता है...

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25 SEP 2021 AT 23:42

मेरे ऐबो की गिनती कर मेरे जज्बातों का मज़ाक बनाया था...
जेब मे एक तस्वीर उसकी और हमने ख्वाहिशों के चौराहे पर अपना घर बसाया था...

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23 SEP 2021 AT 0:02

हम कह देंगे... तुम भुला नहीं पाओगे,
दर्द मेरा तुम छुपा नहीं पाओगे...
खयाल कमाल हैं खुश देखने का,
मगर तुम मुझे जीना सीखा नहीं पाओगे...

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22 SEP 2021 AT 23:49

चाशनी में डूबी तुम्हारी बातों में सुकून नहीं मिलता,
ता उम्र चीखती मेरी निगाहें रह गई...
बेहिसाब कोशिशों की उलझनों में मुझे मेरा कोई कसूर नहीं मिलता,
एक शख्स की तो शमशान में भी शिकायतें रह हुई...

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15 SEP 2021 AT 23:08

बेसब्र निगाहें तलाशने में तुझे ही दिन रात मशरूफ हैं...
ख़रीद लाए हर रंग कुछ जज्बातों को उतारने पन्ने पर...
मगर तू पढ़े ही ना तो हरी नीली या पीली स्याही के हर रंग... फिजूल हैं...!!

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