यहाँ चाहत रोज़ बदलती हैं..
फ़ितरत रोज़ मचलती हैं..
ये इश्क़ के कच्चे मकान हैं,
वफ़ा की दीवारें रोज़ ढ़ह कर मिट्टी में मिलती हैं....-
शब्दों की जंजीरें नहीं, आ... read more
मोहब्बत किसी खूबसूरत
तस्वीरों में नही उलझता है...
न ही अंजाम-ए- तक़दीर से डरता है...
मोहब्बत सिर्फ मोहब्बत है,
तस्वीरों की भी तक़दीर बदल देता है...-
मेरी मिट्टी की तमन्नाएं हकीकत की बरसात में बह गई...
सारी ख्वाहिशें दिल में ही बंद रह गई...
न तमन्ना रही, न ख्वाहिश... ज़िन्दगी चुपचाप बहुत हक़ीक़त कह गईं....-
हाल-ए-दिल बयां कर दिया करो, यूं छिपाना अच्छा नहीं होता...
जी भरकर रो लिया करो, हर बार यूं दर्द में मुस्कुराना अच्छा नहीं होता....-
सुना है,
किस्से कहानी बनने में देर नहीं करते,
फिक्र बचैनी बनने में देर नहीं करते,
इसलिये..
बेचैन उनके लिए होना जो तुम्हारी कहानी की फिक्र करते हों....-
कभी-कभी रिश्ते बहुत अजीब हो जाते हैं..
न छोड़े जाते हैं, न निभाए जाते हैं...
वक़्त बेवक़्त कस्मे खाने के काम आते हैं.....-
बीती बातों का ख्याल तो आता होगा,
जो मैंने नही पूछा,
तुम्हारे जहन में वो सवाल तो आता होगा...
दिल की बात दिल में रह जाने का मलाल तो आता होगा. .-
क्या तुम भी मेरी जुदाई से डरते हो..
क्या तुम भी उतनी ही मेरे लिए फिक्र करते हो...
शृंगार तो मैंने सदैव तुम्हारे लिए किया,
क्या तुम भी मेरे लिए संवरते हो..
मैंने तो तुम्हे हर पल देखना चाहा,
क्या तुम भी मेरी एक झलक के लिए मरते हो...
क्या तुम भी मेरी जुदाई से डरते हो..
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तुम दूर हो मगर, हैं पास तुम्हारे एहसास .....
तुम दूर हो मगर, हैं आँखों में अब भी लौट आने की आस.....-