Anjali Sangeeta Shukla   (Anjali Sangeeta Shukla)
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Joined 30 October 2020


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Joined 30 October 2020
24 APR AT 0:17

यूँ रातें भी गुज़र गई
गुज़र गए कई साल भी..
पर भर ना सका कोई एक लम्हा भी..
तेरे ना पास होने का ये मलाल माँ..।

यूँ रिश्तें भी नये मिल गए
मिल गए कई नये साथ भी..
पर भर ना सका कोई एक रिश्ता भी..
ज़िंदगी में ये रिक्तता तेरे बाद माँ.. ।

यूँ बाँतें भी बदल सी गयी
बदल गए अब घर भी..
पर भर ना सका कोई एक अपना भी
तेरे यूँ दूर चले जाने का ये जख्म माँ.. ।

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31 OCT 2024 AT 12:20

परिभाषा प्रेम की मैं उन्हें कैसे समझाऊँ..
त्याग और अर्पण की यह तालमेल शब्दों में कैसे बताऊँ..।
केवल शब्दों में पीरों देना प्रेम को, प्रेम नही..
आचरण में झलक जाए जो..शायद प्रेम वही..।
सुख की हो मात्र लालसा जो प्रेम में, प्रेम नही..
दुख भी साथ देख सके जो..शायद प्रेम वही..।
शर्तें पेश कर देना प्रेम में, प्रेम नही..
बिनशर्त निभाए साथ जो..शायद प्रेम वही..।
शख़्सियत ही उनकी बदल देना प्रेम में , प्रेम नही..
किंतु निखार दे शख़्सियत जो..शायद प्रेम वही..।
बुज़दिली पनपे जिस प्रेम में, प्रेम नही..
साहसियों का हैं काम जो..शायद प्रेम वही..।
परिभाषा प्रेम की कुछ ऐसी है मेरी उन्हे कैसे समझाऊँ..
सब्र और चाहत की ये तालमेल शब्दों में कैसे बताऊँ.. ।

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17 JUL 2024 AT 0:50

A person who is not fulfilling your emotional need can be anything but cannot be your lover ever.

That person is just doing more emotional and mental damage to you by making a false claim to be in love with you.

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24 APR 2024 AT 0:06

इन रातों की ठंडी हवाँ
जब यूँ छू कर गुज़रती है,
माँ आज भी तेरी कमी
इस दिल को खलती है ।

इस सफ़र में बिना तेरे सहारे
चलते चलते मेरे कदम यूँ लड़खड़ा जाते है,
माँ आज भी तेरी तस्वीर से बातें
करते करते पुरानी यादें मुझे बिखेर जाते है ।

छत आँगन में लगाए तेरे फूल
जब जब नज़र आते है, तेरी ओझल सी छवि इन आँखों में बन जाती है..
माँ आज भी घर में संभाले पुराने समान
जब जब समेटे जाते है, तेरी ही आवाज़ इन कानों में सुनाई आती है ।

कोई औरत अपने बच्चो को
जब प्यार से दुलारती- पुचकारति है,
माँ सच में तेरी याद
इस दिल को और जोरों से रुला जाती है ।

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18 FEB 2024 AT 0:58

मिला था एक शख़्स..
उस रोज़ चलती राह में मुझे..!
फिर हुई थी कई बातें, मुलाक़ातें और ऐतबार मुझे..।
चलने के साथ हुए थे कई वादे भी..
और थे बिताए साथ कई लम्हें भी..
पर बिखेर जायेगा वही एक शख़्स,
कहाँ थी खबर इस बात की मुझे..!
टूटा था दिल और टूटे थे ख़्वाब भी..
तोड़ कर यूँ तालुक़ात ,जब छोड़ गया था मुझे..।
रह गए साथ बिखरे दिल के टुकड़े और कई ज़ख़्म भी..
और रह गए पीछे कुछ अनसुलझे से सवाल भी..।
पर हुई थी जो इस क़दर..
उस रोज़ ज़ालिम इश्क़ मुझे..
की मोहब्बत तो रह गई दफ़न आज भी इस दिल में,
पर रहा ना अब उस पर ऐतबार मुझे..।

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21 NOV 2023 AT 1:10

उनसे कुछ तो अलग..
अपनी आख्यान बनानी है।
तालियों की गर्जना हो,
आँखों में खुशियाँ हो..
अपनों को देनी एक
ऐसी सौगात रूहानी है।
अलग तो कुछ उनसे..
होनी वो कहानी हैं,
जो सुननी मुझे अपनी ज़ुबानी है।

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29 SEP 2023 AT 22:59

बड़ी खूबसूरत सी चीज़
मोहब्बत ये कम्बखत एक तरफा है..
ना हमें हक़ रूठने का,
ना हमे मनाना फर्ज़ आपका है..!
दो पल की गुफ़्तगू से जो मासूम दिल शाद है..
कैसे समझाऊँ नादान को..
ना हमे हक़ आपके वक़्त पर,
ना हमे वक़्त देना फ़र्ज़ आपका है..!
इश्क़ से कुछ खफ़ा मालूम होते है आप..
फिर भी ना जाने क्यों इंतज़ार हमे सिर्फ़ आपका है..
आख़िर बड़ी खूबसूरत सी चीज़ जो ठहरी..
मोहब्बत ये कम्बखत एक तरफा है..।

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1 SEP 2023 AT 23:29

Oh September!
Bring us together..
Create a bond
That gonna last forever.

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24 AUG 2023 AT 22:57

closer to your destination,
A destination which you've
decided for yourself.
So you need to keep walking
on that road even if you're tired
or going through any kind of Breakdown Because only these little steps
are going to take you
to the place you have dreamt of.

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24 AUG 2023 AT 22:02

और राहे उसने यूँ मोड़ ली..
मानो जैसे अंजान हो मुझसे..!
नज़रे कुछ कहने को ही थी जब तक
और निगाहें उसने यूँ फेर ली..
मानो जैसे नावाकिफ हो मुझसे..!

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