अचारbaaaazi
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चरण हैं चलता हूँ
चलता हूँ चलता हूँ
फूल में
कि
धूल में
चलता
मन
चलता हूँ
ओखी धार दिन की
अकेले बहा नहीं जाता।
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सुख आये दुख आये
दिन आये रात आये
फूल में
कि
धूल में
आये
जैसे
जब आये
सुख दुख एक भी
अकेले सहा नहीं जाता |
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आज मैं अकेला हूँ / त्रिलोचन
आज मैं अकेला हूँ
अकेले रहा नहीं जाता।
जीवन मिला है यह
रतन मिला है यह
धूल में
कि
फूल में
मिला है
तो
मिला है यह
मोल-तोल इसका
अकेले कहा नहीं जाता
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आज मैं अकेला हूँ / त्रिलोचन
आज मैं अकेला हूँ
अकेले रहा नहीं जाता।
जीवन मिला है यह
रतन मिला है यह
धूल में
कि
फूल में
मिला है
तो
मिला है यह
मोल-तोल इसका
अकेले कहा नहीं जाता
सुख आये दुख आये
दिन आये रात आये
फूल में
कि
धूल में
आये
जैसे
जब आये
सुख दुख एक भी
अकेले सहा नहीं जाता
चरण हैं चलता हूँ
चलता हूँ चलता हूँ
फूल में
कि
धूल में
चलता
मन
चलता हूँ
ओखी धार दिन की
अकेले बहा नहीं जाता।
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ताओ के तीन ख़जाने ..........
*** प्रेम ।
**** अति कभी नहीं।
**** प्रथम आने की अंधी प्रतिस्पर्धा से बचना।
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मेरे प्रिय आत्मन,
हार ही जाओ तो जीत की माला तुम्हारे गले पड़ेगी।यहाँ के सारे नियम प्रभु के जगत में उल्टे पड़ जाते हैं ताओ कहता है जो हारा वहीं जीता।जो अकड़ा वो मरा जो झुका वो सदा बचा लिया जाएगा।....osho-
शाम से सुबह तक सिर्फ तुम्हारे याद मे लगाई है,
देखो इनाम क्या मिला मेहफिल मेहफिल तन्हाई है !!-
बुरे हो भले हो जैसे भी हो मेरे हो,
तुम जैसी सोंधी मिट्टी की खुशबू अमरीका जैसे कंक्रीट के जालों वाले देशों मे कहाँ !
भूखे हो नंगे हो फिर भी
जहाँ दो रोटी मे कभी पूरा परिवार निभता है उसमें से भी नव आगंतुक के आने पर एक रोटी हसते हसते बढ़ा देने की हिम्मत सिर्फ तुम्हारी है !
गवाह हैँ इतिहास के पन्ने न तुमने किसी की जमीन हड़पी और ना कभी रक्तरंजीत धरती को समर्थन दिया ! हा मैं गर्व से केह सकती हूं क्यूंकि तुम भारत हो जहाँ मैं रेहती हूं !-
सिवाय समर्पण के मुझसे नहीं होगा !
कोरे पत्ते की तरह नदी में बेह जाने के आलावा
मुझसे नहीं होगा !-