देख लेना सब छूट जाएगा
जिस दिन तु मुझसे रूठ जाएगा
पता नहीं क्यों एक आस थी
तेरे इंतजार में कुछ तो बात खास थी।
छोटी छोटी चीजों पे
पता नहीं क्यों बहस कर लिया
उस मासूमियत, उस मस्ती को
शायद हमने ही तहस-नहस कर लिया।
बेसब्री थी तेरे इंतजार में
क्या हुई बेरुखी मेरे इजहार में
यादों में, उन बीती बातों में
मुस्कुराहट ढूंढ रहे थे हम
मुस्कान तो नहीं मिली,पता नहीं पर
हुआ किस चीज का गम।
देख लेना सब टूट जाएगा
जिस दिन तुम मुझसे रूठ जाएगा
मेरा मन चंचल सा
यू बह जाता तेरे पीछे
कह सकते थे, मेरे पास एक बहाना था
लेकिन तू और तेरा मन दोनों ही सयाना था
फिर समझ लेते थोड़ा तुम
शायद जान पाते क्यों था मेरा मन गुम।
क्यों अनजानी बातों पे, मेरा रोना गाना था
आखिर क्या था मसला, कौन सा वह अफसाना था
देख लेना सब छूट जाएगा
अगर तू मुझसे रूठ जाएगा
अगर तू मुझसे रूठ जाएगा।
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