उसकी खामोशियां बिखेरती हैं अदाकारी,
मेरी नम आंखे भी कोई देखता नहीं।
वो तो कर लेता है बाते चांद से ,
मेरी सिसकियों को घर की दीवार भी सुनता नहीं।
वो तो सुख गए है आंखो से आंसू,
वरना रोने से तो दिल भी भरता नहीं ।
वो तो रहबरी है मुख्तार मेरे यार का ,
मेरी मिन्न्नते तो खुदा भी कुबूल करता नहीं ।-
Anjali Kumari
(अल्फाज़ परिंदे)
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मानती हु बुरी हु दिखावे की सराफत नहीं मिलेगी ,
जो हु सामने हु मुझमें कोई... read more
मानती हु बुरी हु दिखावे की सराफत नहीं मिलेगी ,
जो हु सामने हु मुझमें कोई... read more
Joined 16 November 2020
27 DEC 2021 AT 6:39
12 JUL 2021 AT 8:55
अल्फाज़ से शायरा, फितरत से शरारा हु ।
रिश्तों से फकीर, तहज़ीब से नकारा हु ।
मंजिल की राह न पूछो , मुसाफ़िर आवारा हु ।-
18 DEC 2021 AT 21:25
कुछ कतरा ईश्क मे अब बहाया जाए,
मुहब्बत निभाई नही जाती इंसानो से,
चंद पत्थरो को अब आजमाया जाए !!-
17 NOV 2021 AT 13:48
मेरी ला– इल्मी का मुझे सबब मिल रहा है
जाने क्यूं अब उसे इश्क़ मेरा नामंजूर हो रहा है
किस गुनाह की जाने ये दिल सजा काट रहा है
दिल्लगी की थी गालिब अब तोहमत नासिब हो रहा हैं
कहां चाहा था हमने लिखे गज़ल या गीत कोई ,
पर देखो मुझे लिखने वाला शायरो में मशहूर हो रहा है ।-
12 NOV 2021 AT 19:14
तेरे हज़ार जिल्लतो और तोहमतो के बाद भी,
जाने क्यूं अब भी है तेरी तलब मुझमें ।-
11 NOV 2021 AT 9:20
वो टूट कर बिखर गया तो भी कितना बिखरेगा ,
एक दिन ऐसा भी आएगा जब वो मेरे गले से आ लगेगा ।-
11 NOV 2021 AT 9:13
हज़ार बाते कही थी हमने उनसे ,
उन्होंने सिर्फ़ इतना सुना की हमे उनसे दूर होना हैं ।-