आज आसमां में चांद मुझे देख कर बड़ा ही ऐठलाया
तकती रही मैं उसे लंबे पहर पर बड़ी देर से वो आया
और जब आया तो मैंने बड़ा शरमाते हुए उसे देखा
ये देख कर बड़ी उदासी के साथ मुझे चांद ने फ़रमाया
लो तक रही थी तुम जिसकी निगाहें मै तो चला आया
मुझे देख कर जो तेरा व्रत खोले क्या तूने उसे देख पाया
ये सुन कर मेरी आंखों में एक गहरा सैलाब सा छाया
रोक सकी न मैं ख़ुद को ओर चांद से मैंने नजरे चुराया
ये सोच कर मेरी रात गुजरी कि क्या उसके दिल में भी मोहब्बत है ?
तो फिर इस त्योहार के दिन में मैंने खुद को इतना तन्हा क्यों पाया ?-
......I write because I have something t... read more
अभी वक़्त है तो वक़्त पर वक़्त दे दिया करो
कल जो लौट ना सके हम तेरे शहर तो फिर
उस वक़्त तुम उन वक़्त का क्या करोगे ?-
तेरे एक खुशी के लिए कई खुशियां गवाया है मैंने
देख हमारे रिश्ते को कितने शिद्दत से निभाया है मैंने-
है तमन्ना तेरे काँधे पर मेरा सर हो और बीते मेरी सारी उमर हो
या खुदा मेरी इतनी सी ख्वाहिश का कभी तो उस पर असर हो-
मिले कभी खुदा तो मुझे करनी शिकायत हज़ार है
उनसे ही जुदा क्यों करना जिनसे मोहब्बत बेशुमार है-
मासूम सा है उसका चेहरा और मासूमियत उसमे बेशुमार है
ये उपरोक्त पंक्तियां उनके लिए है जो मेरा पहला और आखिरी प्यार है-
तुम्हारा वो आखिरी गुलाब आज भी मैंने
अपनी सबसे ख़ास डायरी में संभाल रखा है
भूल न जाऊं तुमसे जुड़ी अल्फाजों को इसलिए
हमारे जज्बातों को मैंने अपनी शायरी में ढाल रखा है
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न जाने क्यों अब हर पल मुझे तेरा
पहले की तरहा ख़्याल नही आता
मेरे जिंदगी में तेरे होने या न होने से
मुझे अब कोई भी मलाल नहीं आता
हर दफ़ा तूने मुझे इस क़दर ठुकराया
की कहना तो बहुत कुछ चाहती थी
पर फिर भी न जाने क्यों मेरे मन में
अब तेरे लिए कोई सवाल नही आता
मैंने कहा है कई दफ़ा तुझसे की
यूं न मेरा दिल इतना दुखाया कर
देख कैसी हालत कर दी तूने मेरी की अब तेरी
हरकतों पर मुझे ज़रा भी जलाल नही आता
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मोहब्बत जब नई थी तब हम उन्हें बड़े अच्छे लगते थे
हमारी लब्जों से कही हर एक बात उन्हें सच्चे लगते थे
ये वक्त गुजरा नया दौर बदला अब कमियां मुझमें बेशुमार है
प्यार प्यार कहते थकते नही थे जो आज उन्हें हमसे कहां प्यार है
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चार दिन में भूल जाएं ऐसी मोहब्बत हम किया करते नही!
एक प्रेमी की सच्ची प्रेमिका है इसलिए हर किसी पे मरते नही!-