बाँट दिया इस धरती को,
क्या चाँद सितारों का होगा?
नदियों के कुछ नाम रखे ,
बहती धारो का क्या होगा?
शिव की गंगा भी पानी है,
आब ए जमजम भी पानी है,
मुल्लाह भी पीये, पंडित भी पियें
पानी का मजहब क्या होगा?
इन फिरका परस्तों से पूछो
क्या सूरज अलग बनाओगे
एक हवा में सांस है सबकी
क्या हवा भी अलग बनाओगे?
नस्लो का करे जो बँटवारा,
रहबर वो कॉम का ढोंगी है
क्या ख़ुदा ने मंदीर तोडा था?
या राम ने मस्ज़िद तोड़ी हैं?- प्रवीण सिंह डंगवाल
25 NOV 2018 AT 15:55