Anjaan Lekhak UK01   (प्रवीण सिंह डंगवाल)
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Joined 18 December 2017


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15 AUG 2021 AT 14:57

सुनो यारो कुछ इस कदर हमने ये आजादी पाई है।
न जाने कितनों ने अपने प्राणों की आहुति चढ़ाई है।।
किसी ने पीठ पर तो किसी ने सीने पर गोली खाई है।
आओ बताऊं शहीदों ने कैसे हमें आजादी दिलाई है।।

शहीदों की शहीदी से ही आबाद है ये भारत।
लहू के लाल बूंदों से ही तो शादाब है ये भारत।।
नमन उन सपूतों जिनकी जवानी झूली दार पर।
उन्हें शेरों के कारण ही तो जिंदाबाद है ये भारत।।



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26 JAN 2021 AT 10:00



तेरे पुरखे चरख निराले सुश्रुत की विद्या के रखवाले,
सुई से अमृत पिलाने वाले सब को लाभ पहुंचाने वाले।।
पीपेट वाले , आले वाले श्वेत वसन मे ये मतवाले,
पीड़ा जो तनमन मै छाए उसका कर हर लाने वाले।।

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26 NOV 2020 AT 20:41

1

सुनो रक्त से लिखी है सन सत्तावन की कहानी,
प्रथम भेंट चढ़ी थी मंगल की अमर जवानी।।
उन्हें नहीं विचलित कर पायी कभी कोई हैरानी,
शीश चढ़ाने आगे आयी फिर झासी की महारानी।।
सुनो रक्त से लिखी है सन सत्तावन की कहानी.....

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14 AUG 2020 AT 21:12

वीर शहीदों को दिल से प्रणाम सुनाने आया हूं
अरे तिरंगे सलाम तुझे है पर याद दिलाने आया हूं
जलियांवाला बाग जिनका जयगाने सुनाता है
उनकी दो सांसो के बल तू आज तलक लहराता है


🇮🇳🇮🇳भारत माता की जय 🇮🇳🇮🇳

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11 AUG 2020 AT 17:48

सरकारें सो रही है, नारी सड़कों पर रो रही,
दिल की सारी उम्मीद है मन ही मन खो रही।।
हो रहे अत्याचार कही दहेज़ तो कहीं बलात्कार,
बोलो कैसे कह दूं ये रामराज्य की है सरकार।।

मैं तो खुलकर बोलूंगा हस्तिनापुर को रोकूंगा,
अंधी बेहरी सरकारों के कान जरूर खोलूंगा।।
नहीं सहेंगे चीरहरण अब संसद की चौखट पर,
कैसे कह दूं नहीं लौटी नारी दहेज़ के नाम पर।।

रोती नारी बोल रही मुझे भी हक है जीने का,
खुलकर अपने सपनों को इस धरा में सिने का।।
नित्य चीरहरण हो रहे द्रोपति तेरे अधिकारों का,
कैसे गुणगान कर दूं अंधी बहरी सरकारों का।।

खुद ही रौंद रहे बगिया को देखो उसके रखवाले,
अपने घर की बेटी मरवाते देखे मैंने वह घरवाले।
मान मर्यादा की बलिवेदी पर क्यों सपने राख करू,
दुशासन की जंगा से खुद को कैसे बेदाग करू।।

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8 AUG 2020 AT 9:53

पलकों में तुम्हारे प्यार ढूंढकर मैं झूमता रहा
एक पवन का झोंका तुम्हारे केश चूमता रहा,
तुम्हारी मुस्कान देखने को तरसती रही दुनिया
उसी मुस्कान को लेकर मैं गीत गुनगुनाता रहा,

टूट गया था तब, अब हौसला बढ़ गया है
चलो किसी बहाने मेरे यहां सावन तो आया है,
मेरे दिल ने तेरे प्यार का गीत गुनगुनाया है
चलो इसी बहाने तुमने फिर सीने से लगाया है,

देखो न मैं जगमगाते दिये सा झिलमिला रहा हूं
बस तुम्हारे आने भर से खिलखिला रहा हूं,
भुलाकर पुराने गिले-शिकवे आज सब
मैं फिर तुम्हें खुली बांहों से स्वीकार रहा हूं,

मै एक नग्मा प्यार का फिर तुम्हें सुनता हूं
तुम्हारी धुन को अपनी ताल देकर गाता हूं...
बहुत तड़पा हूं मैं तुम्हारी आवाज के खातिर,
तुम्हारी आवाज से मैं अब ग़ज़लें सुनाता हूं...

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30 JUN 2020 AT 12:59

शांति में क्रांति की यह अद्भुत मिसाल होनी चाहिए,
लहू के रक्तिम रंग में देशभक्ति कमाल होनी चाहिए।।
आंखों में आंखों डाल कर जो डरा दे इस दुनिया को,
ऐसा भगत सिंह का ये आजाद हिंदुस्तान होना चाहिए।।

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27 JUN 2020 AT 20:49

कभी दिल माने तो,
करना मुलाकात हमारे साथ...!
सस्ती चाय के साथ,
महँगी यादें पिलाकर भेजेंगे...!!

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17 JUN 2020 AT 11:16

मैं हिंद का सैनिक अमन,शांति का संदेश लाया हूं
युद्ध से नहीं मिलता हल ,यही सारे जग को बतलाता हूं
मैं हिंद का सैनिक हूं अपनी बात सुनाने आया हूं
रखना मुझको याद मैं तुम्हें शांति संदेश लाया हूं

मां,बाप मेरे भी और तेरे भी राह देखते होंगे
लिपट ना जाए कफन से दुआ यहीं करते होंगे
बहन की साखी, और प्रिया यही आशा में होगी
आएंगे भैया,आएंगे सजना फिर घर में दिवाली होगी।।

सीमा पर तैनात हम सिर्फ शतरंज के मोहरे हैं
खेल-खिलाड़ी बदलते हैं भ्रष्ट राजनीति वही है
इतनी फिक्र अगर होती राजनीति के हेटों को
सीमा पर भेजते मंत्री लड़ने अपने बेटों को।।

विश्व विजेता सिकंदर ने भी मुंह की खायी थी
सेल्यूकस की सेना भी घुटनों पर आयी थी
क्यों पुराना इतिहास फिर लिखना चाहते हो ?
क्यों अपनी कब्र पर हिन्दुस्तानी फूल चढ़ाना चाहते हो?


आये होते हिंद के गगन रक्षक तो बीजिंग भी अपना होता
चाचा जान की कुछ गलतियों से हमें यूं रोना ना होता।
तुम्हारी भीड़ पर अपना एक पहाड़ी ही काफी है।
भूल गए क्या जसवंत बाबू को या उनकी याद दिलाना बाकी है।




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12 JUN 2020 AT 19:47

चाह कर भी तुमसे मुँह फेर नहीं पा रहा हूं..!!

ये नफरत है,या फिर मोहब्बत निभा रहा हूं..!!

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