कैसे लिख दू तुझकों मैं अपना वियोग
तुझसे मिलना और मिलकर बिछड़ना
ये नियति की लिखनी थी या एक मात्र संयोग
मेरे अंतर्मन की ये व्यथा की तुझे प्रेम लिखूं
या लिखूं जीवन का अंत-
काली घटाओं ने जो बरसाई हैं फिर बूंदें,
तेरी याद के छाने का वक्त है,
वियोग के कटु सत्य की बौछारें भी आएंगी,
एक प्याले की जरूरत बहोत सख्त है।
मशरूफ थे हम रोजमर्रा के काम की धूप में,
मिल रहे थे छोटे छोटे सुख और दुख अलग अलग स्वरूप में,
दिखा जो तुम्हारा अक्स काले बादलों में,
अंखियां भिगोने का वक्त है,
आज फिर एक प्याले की जरूरत बहुत सख्त है।
जिंदगी किसी के जाने से ठहर जाती नहीं,
इस शहर की भागदौड़ में सहरा यूंही आती नहीं,
हुआ एक अरसा अब तो उम्मीद का दामन भी कुछ जर्द है,
आज फिर दिल को समझने का वक्त है,
चली जो सर्द हवाएं एक प्याले की जरूरत बहुत सख्त है।
बारिशों के बाद धूप भी निकलती रहेगी,
कहीं दबे पांव मेरी आशिक़ी भी मचलती रहेगी।
की कह रहा है रवि अब निकल आने का वक्त है।
की आज फिर तेरी आरजू को दफनाने की जरूरत बड़ी सख्त है।
एक प्याले की जरूरत बहुत सख्त है।-
एक तुम थे एक हम हैं
थे चेहरे पे मुश्कान अंदर भरा गम है
एक तुम्हारे लिए हर जंग जीत जाते
बस एक बार तो कह देते साथ तुम्हारे हम हैं
#love_betryal-
तट पर बैठे बैठे तेरे
हाथ कहां कुछ आएगा ।
रत्न मिलेंगे तुझको जब
सागर के तह में जाएगा ।
कुछ ना आए हाथ
समझना डुबकी अभी अधूरी हैl
चाहे जितना भी मुश्किल हो
पहला कदम जरूरी है ।-
तेरे बाद हम बहुत सताए जाएँगे,
पर ये दर्द किसी से न बताए जाएँगे,
अभी गिरा दिए जाते हैं नज़रों से हम तो,
एक दिन "कँधों" पर हम उठाए भी जाएँगे,
वस्ल, हिज्र, तन्हाई औ रुसवाई,
ये सभी रस्म हमसे निभाए भी जाएँगे,
हमिय्यत छोड़ जो मोहब्बत चुनी थी हमने,
देखना उसी मोहब्बत में जलाए भी जाएँगे,
थामा किसने है किसी को सदा के लिए अभी,
हम भी किसी रोज़ तेरे दिल से निकाले भी जाएँगे।
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अन्धकार पर प्रकाश की विजय के महापर्व दीपोत्सव (दीपावली) की आप सभी देश एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं।
#happydiwali #दीवाली
#Deepawali2021 #शुभ_दीपोत्सव2021 #HappyDeepawali_2021-
कहना तो बहुत कुछ चाहता हूं तुझसे
मगर कह कहां पाता हूं
सच तो है के जीना है तेरे बगैर
पर एक पल भी कहां रह पाता हूं
कोशिश हर बार होती है तुझे भूलाने की
पर एक पल भी कहां भूला पाता हूं
देखना चाहता हूं हर रात सपने
पर मैं खुद को सुला नहीं पाता हूं-
देखा पलट कर उसने
चाहत उसे भी थी
दुनिया से मेरी तरह
शिकायत उसे भी थी
वह रोयी थी मुझको
परेशान देख कर
उस दिन पता चला मेरी
जरूरत उसे भी थी-
जब से देखा है तेरी आँखो मे झाँक कर,
कोई भी आईना अच्छा नही लगता,
तेरी मोहब्बत मे ऐसे हुए है दीवाने,
तुम्हे कोई और देखे तो अच्छा नही लगता…-
आज सजी होगी दुल्हन सी वो
उसका साजन भी आया होगा
हाथों से अपने पानी पीला कर
फिर अपने गले लगाया होगा
#करवा_चौथ-