तू मेरे लिए अब बिल्कुल मेरे "चांद" की तरह है !
मेरे रोज़ाने का गुरूर भी ,
यूं मुझपे चढ़ता तेरा फ़ितूर भी ,
मेरी सांसों में तू भरपूर भी ,
और! मेरी जिंदगी का ज़रूर भी ।
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I Feel others to write ✍️ here..
बेहिसाब हसरतें न पालिए ,
जो सच में मिला है , उसे मां कहते हैं !
उसे संभालिए ।।-
मेरा दुख अगर ज़रा भी तेरा !
तो ही फकत- प्रेम है ,
वरना सकल -अप्रेम है |
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सब अचल विचल है ये दौर, कान्हा जी,
तू घड़ी दो घड़ी का सुख दे।
एक ग़लत पहचान - यहाँ ग़लत नफ़र की,
बस एक बार ! जिंदगी को नया रुख दे ।।-
बहुत साधारण है, प्रेम !!
जैसे हृदय और नैन 🌸
यथा; हृदय की सहमी आह पर भी नैनों का भीग जाना ,
दुखे हृदय अगर तो नैनों का मुरझाना ,
एक का भाव तो दूसरे का बह जाना ,
एक बोल न पाए तो नैनों से कह जाना...
बस यूँ दो होकर भी एक ,
यही तो प्रेम सार है ,
हमारे दर्द हमारे, तो प्रेम है,
अर्थात हम तो संसार है !!-
जीवन मे कुछ भी स्थायी नहीं होता,
न लोग और न स्थिति!
जैसे अच्छा वक्त नहीं ठहरता,
वैसे ही बुरा वक्त भी कट जायेगा !!
जरूरत सार- धैर्य और उम्मीद !-
दुख होए सुख-सुख होए,
होए घड़ी-घड़ी का फेर ।
बेटी की पीड़ अति माँ बाप मे,
उनकी, पूत परिवार में ढेर...-
संसार के हर छोर हर जीवन मे रिश्तों की एक कैसेट चल रही होती है...
जिसमें नये अभिनय का शुरू - हर छण पीड़ा मुक्त होता है,
किंतु उस आभिनय ने एक दिन खत्म होना है,
का सत्य ! अगाध पीड़ा युक्त होता है...-
After Reading and Enduring the life a lot last , we find out that what we Deserve, almost always We Don't Get...
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