Anita Pathak   (Anita pathak)
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Love to write poetries..
#politician..
#Social worker..✊
Never give up..
Joined 10 May 2017


Love to write poetries..
#politician..
#Social worker..✊
Never give up..
Joined 10 May 2017
3 SEP 2021 AT 17:30

वक्त नाजुक हैं,आँखें नम है,
यारा तेरी.प्यार की गली मे
पसरा आज..कैसा ये मातम हैं।
अभी-अभी तो..आ रही थी ,मेरे
लाडले.. तेरी खिलखिलाहट!!
फिर हुआँ क्या ऐसा? मेरे लाडले..
जो तू.. अब तलक खामोश सा क्यों है।।

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27 SEP 2018 AT 13:30

शब्द जब खामोश होते है ,तब..
आँखे शब्द की जुबां हो जाती
है ।

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26 SEP 2018 AT 22:27

अपनी मुक्कदर की नाव कॊ ,
उस ओर खे लेना साहिल ...
जिस ओर तेरी किस्मत खुद ,
अपने दम पर लिखी जाती है...

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24 SEP 2018 AT 15:47

संग्रह किये हुए ,ढेर सारे ज्ञान की अपेक्षा ,
आचरण में उतरा ,रती भर ज्ञान श्रेष्ठ है ...👍

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15 SEP 2018 AT 1:34

आवाज की खनक तो ,कानों के लिये है ,
रूह तो खामोशी ही ,पढ़ लेता है ॥

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14 SEP 2018 AT 0:42

मेरे ख्वाबों के ..ख्वाबगाह पे तुमने ही सेंध लगाई ..
फिर क्यों ..तुमने , मुझ पे ये तोहमत लगाई ॥

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10 SEP 2018 AT 22:20

पंछियों के, तुच्छ मन की ,

अभिलाषा ॥

॥पूरी कविता,अनु-शीर्षक में पढ़े ॥

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8 SEP 2018 AT 16:07


क्यों उलझती जा रही है..
जिंदगी ये शांत सी !!




॥ Read cauption !! 👇

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23 AUG 2018 AT 22:31

ऎ खुदा..,
कितना सुकून होगा तेरी बस्ती में ...
दिल लगता नही इन..तमीजदारो की बस्ती में..,
जिसे जन्नत मानती है ,ये बस्ती सिर्फ गीता और कुरानों
में ...,
आज उसकी मिटा कर सारी हस्ती..और थमा दी ,
हाथों में लकड़ की..लठी ..
कर दिया मजबूर दर..दर भटकने कॊ अपनों ने..
अगर तमीजदारी ऎसी होती है...ऎ मेरे खुदा ,
तो नही चाहिये मुझे जालिमों की..ये बस्ती,

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21 AUG 2018 AT 21:46

ख्वाहिशों के दौर में ,रिश्तों की कीमत नही ।
खून भी, अपना है नही, गर तेरे पास दौलत नही ॥

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