बड़े बे-आबरू
होके तेरे कूचे से हम निकले
बड़ा दिल दहलाने वाला मंज़र था
कि जब हम इस
निकलने वाले फैसले पर पहुंचे
कितने कितने ख्वाबों
का गला घोंटा हमने
कितने सपनों को
चकनाचूर किया हमने
एक तेरे लिए सौ सौ
ख्वाहिशें कर दीं
कुर्बान हमने
- Annie Franke
3 JAN 2020 AT 23:26