Anisha Thakur   (Khamosh ankhein)
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Joined 25 February 2021


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Joined 25 February 2021
25 JAN 2024 AT 19:33

फरेब का दौर चल
रहा है साहब,
इंसान भी फरेब़ी हो गया
और रिश्ते भी फरेब़ी,
बनाता हैं......

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2 JAN 2024 AT 22:16

माना मिठास नहीं शब्दों में मेरी,
मगर ये कड़वापन भी तो अपनों,
ने घोला जिन्दगी में मेरी..........

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2 JAN 2024 AT 22:03

अपनों से ही दुत्कारी भी गई हूँ
मगर जरुरतों पर याद भी आई हूँ

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16 DEC 2022 AT 6:25

ऐ जिंदगी ठहर जा ज़रा
वक्त के इम्तिहान बाकी है,
अपनों के सवाल बाकी है,
कलयुग के दौर में,
लोगों में तकराऱ बाकी है.......

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15 DEC 2022 AT 21:35

हजारों ऐब़ शामिल हैं
मुझमें,
ये लोगों का नज़रिया कहता है,
काश कोई तो ऐसा हो जो
अलग नज़रिये से देखता,
मुझे...........

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25 AUG 2021 AT 8:40

ये दुरियाँ कुछ यूँ थीं कि
फासलें मीलों के थें मगर,
करीबी दिलों के थें,
बेशुमार इश्क़ थी इन आँखों में
मगर लब़ कुछ खामोश थें.............

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23 MAR 2021 AT 20:27

पता नही ये वक्त की मांग है या
कुदरत की कोई साजिश ,
कि दुरियाँ मीलों की रख हमें
करीब रखा है.........

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23 MAR 2021 AT 20:16

थाम लो हाथ मेरा इस भीड़ की दुनिया में,
कहीं खो ना जाए दुर तुम से हो ना जाए ......

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22 MAR 2021 AT 7:58

Ek sukun milta hai
tujhe dekh ker,
Ek sukun milta hai Tere
hoton ki muskan dekh ker,
Ek sukun milta hai
Teri awaj sun ker,
Na jane ye kaisa sukun hai
Jo tujhe mahsus kerke hi,
Milta hai............

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22 MAR 2021 AT 7:51

लोगों का नज़रिया तो देखिए
जनाब,
खुद की सोच गिरी हुई है और
लोग दुसरो कि सोच उठाने में
लगें हैं.............

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