तेरे बिना मेरी ये कहानी बिलकुल अधूरी है !!
इस हसीन से कहानी को मुक़मल करने के लिए तेरा होना मेरे होने से भी ज़्यादा जरूरी हैं....!!!!— % &-
But I m worst if u r bad..🖤🖤
Not a professional writer........Still l... read more
सुनो न आज दिल बहुत उदास है
न जाने क्यों सब कुछ खो कर भी इसे तेरी ही आस हैं हर रोज तो बताती थी न कि तू मेरे लिए कितना खास है
तेरे बिना ये दिल टूट कर बिखर गया है क्या तुझे मेरे इस दर्द का जरा सा भी एहसास हैं??
सुनो न आज दिल बहुत उदास है
आज कल तो लाफ्ज़ो से ज़्यादा आँसू मेरे पास है
हज़ारों खुशियों की वजह पर फिर भी ये दिल बहुत उदास है
काश चीख़ कर सबसे बोल पाती की तू मेरे लिए कितना खास है
सुनो न आज दिल बहुत उदास है
रोता है चीखता है चिलाता है इतनी बेचैनी के बावजूद तेरे बिना सब बे आवाज़ है.....कैसे बताऊँ की तू मेरे लिए कितना खास है
खुश शायद तू भी नही मेरे बिना कही न कही दिल को इस बात का भी एहसास है
मेरा न होना छिन लेगा तेरी भी खुशियाँ मुझे मेरे प्यार पर इतना विशवास है
औऱ आखिर में बस यही कहूँगी
सुनो न आज दिल बहुत उदास है
न जाने क्यों इसे सिर्फ़ तेरी ही आस है-
तुम्हारी तो आदत है हर मोड़ पे हमें तनहा छोर जाने की.....खैर
गलती भी हमारी ही है तुम्हे तुम्हारी औकाद से ज्यादा ख़ास बनाने की-
मैं तो ऐसी नहीं थी न!!!
मैं तो बेवज़ह मुस्कुराया करती थी
थमे हुए आँसू भी बेवजह बहाया करती थी
अपनो से लड़ती थी फिर उन्हें ही गले लगाया करती थी
ख़ुद रूठती थी और खुद ही मान जाया करती थी
आज कल न जाने क्यों इतनी उदास हूँ मैं
बेवजह की बातें नही कर रही आखिर क्यों इतनी खामोश हूँ मैं
हर तरफ क्यों इतना शोर है
ये बदली हुई मैं.....मैं नहीं कोई औऱ है...!!-
क्या इसी तरीके से अपने होने का एहसास दिलाओगे..??
मेरी दोस्ती क़बूल करने में इतनी देर लगाओगे....!!-
बाबा तेरी बिटियाँ अब बड़ी हो गई!!!!
कल तक माँ बाप के उँगली को थाम कर चलने वाली
तेरी गुड़िया आज अपने पैरों पर खड़ी हो गई
बाबा तेरी बिटियाँ अब बड़ी हो गई!!
हर छोटी सी छोटी ख्वाईश को अपनी ज़िद से पूरी करवाती
ख्वाईशें पूरी न होने पर अम्मा बाबा से रूठ जाती थी
आज अपनी ज़िद को मार कर अपनों की ज़िद पूरी करने के लिए ये उम्र से पहले अपने पैरों पर खड़ी हो गई
बाबा तेरी बिटियाँ अब बड़ी हो गई!!
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Dear ज़िन्दगी
तेरी सुक्रगुज़ार हूँ
जो इस हसीन दुनिया से मिलवाया जिन खुशियों की हकदार तो न थी पर तूने सभी खुशियों से रूबरू करवाया
बेफ़िक्र से खाना और सोना ज़िद पूरी न होने पर रोना
माँ की लाड़ ओर पापा के प्यार से दिन रात होना!!
ज़िंदगी तू तो इतनी आसान है फिर फ़क़त में ही तू सरेआम बदनाम है ....
समय ने अपना रुख मोरा
अपनो ने ज़िमेदारी की राह पर अकेले छोरा
बेवज़ह की डाँटो से आज़ाद थी चंद पलों की खुशी में इतनी महफ़ूज़ थी कि ज़िन्दगी की दिखावें से भी गुमनाम थी!
ज़िमेदारी की राहों में कदम बढ़ाया बिना सहारे के चला था चंद कदम ज़िंदगी ने सरेआम अपनी बोझ से गिराया....
सच कहूँ ऐ ज़िंदगी
पहली दफ़ा तूने अपने सच्चाई से रूबरू करवाया
ज़िमेदारियो के तले दबे गयी थी,अकेले इस राह में चलते चलते थक गई थी
हर रोज एक नई तकलीफ हर रोज एक नया गम ऐ ज़िंदगी जीते जी हर रोज मर रहे है हम....
सुकून से जीने की दुआ तो मुक़मल न हुई
बेफ़िक्र भारी मौत देना
मेरी मौत की ख़बर पर मेरे अपनो की आँखों को अश्क़ों की जगह यादों से भर देना!!!!-
मुझे बताना है तुम्हें......
मुझे बताना है तुम्हें की अब बदल गई हूँ मैं
प्यार बेशक आज भी करती हूँ मगर
जताना भूल गई हूँ मैं
गुस्सा आज भी आता हैं तुम पर लेकिन
उस गुस्से को दबाना सिख गई हूँ मैं
तुमसे बातें करने की आज भी तलब उठती हैं
लेकिन उस तलब को खुद में दफ़न करना सीख गई हूँ मैं
आज भी तुम्हारी परवाह खुद से भी ज्यादा होती हैं
मगर बेपरवाह रहना सीख गई हूँ मैं
इस बेकसूर दिल में दर्द आज भी बहुत हैं लेकिन
उस दर्द को छुपा कर मुस्कुराना सीख रही हूँ मैं-
सँजो सको तो सिर्फ एक निशानी हूँ मैं....!
समझ के भी जो न समझे दुनिया...… महज वो छोटी सी कहानी हूँ मैं..!!
हज़ारों सवालों के बीच एक छोटा सा जवाब हूँ मैं..!!!!
जो समझने की कोशिश ही न कर सके उसके लिये मैं कौन?????
जो मेरे साथ बिताए चंद पलों में ही मुझे समझ जाये उसके लिए खुली किताब हूँ मैं....!!-