राम लला का हुआ सूर्य की किरणों से अभिषेक
भास्कर वंशज राघव के जन्मोत्सव में उत्साह का अतिरेक।
रघुनन्दन का तिलक कर धन्य हुआ रवि
हर भक्त ने नैनों में उतार ली प्यारे राम लला की छवि।
सूरज की रोशनी से राम जी का हुआ दिव्य शृंगार
कौशल्यानंदन के प्रेम में डूबा सारा संसार।
दो अक्षर के नाम में बसी सकल सृष्टि
अवध के राजा सब पर बरसा रहे कृपा दृष्टि।
कई सदियों बाद सूर्य के तिलक से सुशोभित हुआ राम जी का ललाट
राघव के जन्म पर उनका तेज़ देख खुला सबके भाग्य का कपाट।
दर्पण से होते हुए सूर्य की आभा भगवान के श्री मुख पर पड़ी
राम लला का अलौकिक रूप देख सारी सृष्टि अचंभित हो खड़ी।
पंचामृत की धारा से कराया गया बालक राम को स्नान
दशरथ के दुलारे का हर भक्त के हृदय में स्थान।
भाग्यशाली है हमारी पीढ़ी जिन्होंने देखा प्यारे राम का सूर्य किरण से टीका
राम सलोने के बिना जीवन का हर रंग है फ़ीका।
सहस्रों राम करसेवकों का स्वप्न हुआ साकार
इतने वर्षों पश्चात राम लला के रूप में सबकी श्रद्धा को मिला आकार।
कितने श्रद्धालुओं ने दर्शन किए सूर्य की ज्योति में जगतपालक के
हम सदा भक्ति में गुणगान गायेंगे माता कौशल्या के बालक के।
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