मोहोब्बत के पिछे क्यों भागते हों,
अगर तुम्हारे तकदीर में बर्बाद होना लिखा होगा,
तो मोहोब्बत खुद तुम्हारे पिछे आएगी।।-
Ishq♥️ हमें किसी से है नहीं,मगर फ़िर भी आशिक़ी में जिते हैं �... read more
कभी-कभी अनजान सा लगता हूं मैं खुद को।२।
जानता हूं पर फिर भी नहीं जान पाता मैं खुद को,
बेचैनी भी बहुत है मन में।२।
मगर वो भी अनजानी लगती है।-
वो कहती है वो जान बनना चाहती है मेरी,
कोई उसे बताओ कि मुझे अपनी जान से
ज्यादा अपनों की जान की परवाह है।।-
कई सौ मिल हम आ चुके हैं ।।
मगर तुम्हारा शहर अब भी लगता बड़ा करीब सा है।-
लोग जलाने की सोचते हैं इस ज़माने में,
और ज़माना है की जलने वालों से भरा है।।
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अनजान हूं तेरी कुरबत से मैं,
फिर भी तौहीन तेरे जिस्म की न करता हूं,
फक्त काले लिबास में तुझे देख ने की तमन्ना रखता हूं,
पर ज़िक्र कभी न करता हूं।।-
जुनून इश्क का मुझमें आज भी मुकम्मल,
लम्हा तेरी बातों का मुझमें आज भी मुकम्मल है,
भुल तो मैं जाता सब कुछ पर तेरे साथ रहने की ख्वाहिश
मुझमें आज भी मुकम्मल है।।
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मुकमल तो हमारी भी ज़िंदगी थी,
बस कुछ सवालों में फस कर रह गई,
और सवाल भी कुछ एैसे जो ,
जवाब के परे थे।।-
Mookam pane ki hasrat m
Kch adhoore kam
peeche chor aye h
Do pal sukoon se jo
apno ke sath baitha krte the
Wo sham peeche chor aye h
Jis pyar bhare lafzo se
Hmari maa pukara krti thi hme
Wo nam peeche chor aye h
Aj boolandiyo pr to phoch gye hm
Ki aj bolandiyo pr to pho ch gye hm
Pr Maa ki God m
Sir rkhkr sone ka
Aram peeche chor aye h
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