ANIRUDHA SURESH BHOIR   (Anu)
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Joined 21 May 2019


Joined 21 May 2019
21 APR AT 22:40

उसे ना देखू फ़िर भी एहसास वेसे ही हैं,
उसे देखलूँ तो धाडकनो का धाडकना भी वेसा ही हैं,
उसे चाहूँ में फ़िर भी उसकी चाहत ना चाहूँ में,
पर उसकी चाहत के सिवा और कुछ भी ना चाहूँ में....

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28 MAR AT 23:31

येसा नहीं के हमने कोशिश नहीं की,
उन्हें मनाने की,
पर ना जाने किस बात पर वो रूठ बैठी हैं,
येसा भी नहीं था,
के उनके रूठ जाने का कारण मुझे पता ना था,
पर कारण बताने के बहाने से ही सही,
वो हमसे बात कर बैठी....

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26 MAR AT 17:50

वो ना आए तो दिल में ख़लिश सी उठाती हैं सीने में,
वो जो आए तो ख़लिश और भी जवां होती हैं,
बात दिल की आँखों से बयां होती हैं,
कोन केहेता हैं मोहब्बत की जुबान होती हैं....

(ख़लिश- चुभन / कसक)....

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24 MAR AT 13:48

काश येसा वक़्त आजाये,
जहाँ उनके दिल में,
मेरा जिक्र का इजहार हो जाए,
बस ख़्वाहिश हैं इतनी,
के वो पल मेरी जिंदगी का,
आखिरी पल ना बन जाए....

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23 MAR AT 19:05

यूँ तो तन्हाई में, दिल अब लगता नहीं,
सफ़र में हमसफ़र हो, ये दिल चाहता नहीं,
दो कदम साथ चले इस सफ़र में कोई,
येसी लकीर उस रब ने अब तक नसीब में लिखी नहीं,
केसा होगा वो हमसफ़र,
ना जाने कहा छुपकर बैठा हैं कहीं....

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17 MAR AT 13:04

Una mattina mi son alzato,
O bella ciao, bella ciao, bella ciao, ciao, ciao,
Una mattina mi son alzato,
E ho trovato l’invasor....

O partigiano, portami via,
O bella ciao, bella ciao, bella ciao, ciao, ciao,
O partigiano, portami via,
Ché mi sento di morir....

E se io muoio da partigiano,
O bella ciao, bella ciao, bella ciao, ciao, ciao,
E se io muoio da partigiano,
Tu mi devi seppellir....

E seppellire lassù in montagna,
O bella ciao, bella ciao, bella ciao, ciao, ciao,
E seppellire lassù in montagna,
Sotto l’ombra di un bel fior....

E le genti che passeranno,
O bella ciao, bella ciao, bella ciao ciao ciao,
E le genti che passeranno,
Mi diranno «che bel fior....

Questo è il fiore del partigiano,
O bella ciao, bella ciao, bella ciao ciao ciao,
Questo è il fiore del partigiano,
Morto per la libertà....

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15 MAR AT 14:27

ईंटों से बना चार दीवारों का मकान हैं मेरा,
उस मकान केलिए तुम अपना पन जताओंगी क्या,
विरानासा बिखरा एक मकान हैं मेरा,
प्यार से सवार कर तुम उसे अपना घर बनाओगी क्या....

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15 MAR AT 13:50

मुँह मोड़ कर जब वो जाने लगी,
तब उसने उसको खुशी-खुशी,
आपनी आँखों में बसा लिया,
अश्कों में वो भे ना जाए,
इसलिए उसे रोना भी मंजूर नहीं,
थक हार कर आख़िर,
उनकी खुशी के लिए ही सही,
उसने उससे अलविदा कर लिया....

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20 FEB AT 23:19

सुनो मुझे आपसे कुछ केहेना हैं....
और जो केहेना हैं वो ये हे के....

सुनो, मेरे पास झुमके पडे हैं,
मेरे लिए वो झुमके पेहेने वाली बनोगी क्या....
सुनो, माँ ने सांभाळ रखी, एक साडी मेरे पास,
माँ के लिए वो साडी पेहेने वाली बनोगी क्या....
सुनो, बाबुजी की तमन्ना थी एक बेटी की,
बहु से ज्यादा बेटी बन उनकी वो तमन्ना पूरी करोगी क्या....

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18 FEB AT 1:03

एक नगमा लिखा हैं तेरे नाम का,
उससे तुम सांभाळ पाओगी क्या,
क्या मतलब हैं सितारों का,
पुरा चांद बन पाओगी क्या....

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