Animesh Sahu   (Anni)
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Simplicity is the key for success
Joined 24 March 2018


Simplicity is the key for success
Joined 24 March 2018
14 MAY 2021 AT 22:48

ना जाने वो चाबी कहा गयी
जिसकी तलाश थी मुझे बचपन से
ढूंढ रहा हु ज़िन्दगी जीना
इस कठिन परिथिति से बचने के लिए
मिला तो कुछ नही ज़िन्दगी में अब तक,
ढूंढने से क्या पता अंदर का कलाकार मिल जाये
कही प्यासे को समंदर के पास आना पड़ता है
तो कभी समंदर प्यासे के पास आजाता है
कही रह न जाए पीछे ये सोच कर दिल बहुत घबराता है,
ये दिल बहुत नादान है कुछ पाए बिना इसे कहां समझ आता है,
अपने दिल और दिमाग को एक मत होने दो,
सपने कही और ज़िन्दगी कही और जाने मत दो,
बस सुनो अपने दिल की उस शिद्दत से ,
करो अपने मन की पूरी शिद्दत से।

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13 APR 2021 AT 20:16

किसी का ख्वाब हो तुम किसी का ताज हो तुम,
न जाने कहाँ खो गयी तुम जाने कहा होगी तुम,
मेरे दिल के हर दरवाजे पर दस्तख़त देना छोड़ दिया,
इतना क्या रूठी हो मुझसे मेरे दिल ने धड़कना ही छोड़ दिया ।

कभी हर पहर का इन्तेजार करते समय नही निकलता था,
आज साथ नही हो तुम तो समय नही निकलता,
अरे किस्से कहे अपने अल्फ़ाज़ दुनिया के इस मंज़र में,
हर तरफ बेवफाई सी छा गयी है ,
खुद को मना लेता हूं मैं ये कहकर की अब सिर्फ अहसास ही बाकी है,
चाहे कितना लोगो के सामने मुस्कुराले मेरी उदासी मेरे चेहरे पर अभी भी बाकी है ।

तुम कहे बिना चली गयी मेरे अल्फ़ाज़ तो सुनकर जाती,
खैर अब क्या इस बात का जहा तुम गयी वहां का पता तो बताकर जाती,
में ढूंढता रहा खुदको इस भीड़ में ,जाने कहा खो गया इस नीर में ।



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12 AUG 2020 AT 23:45

कांटो सी ज़िन्दगी लगती है हमे ,
रिवाज़ के पैमानों में फस कर रह गए,
वो दिन था एक अपना,
ज़िन्दगी वही छूट गयी बाकी सब फसाने रह गए

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12 AUG 2020 AT 23:39

ज़माना बुरा नही है जनाब , वो इस दुनिया के पैमाने में फस गए,
वरना चीज़ वो भी बहुत खूबसूरत थी।

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20 MAR 2020 AT 16:55

Woh janm deti paal posti, badi hokr bida krti
Dekh na payi ye sb,
badal gaye woh char ladke teri zindagi ke woh pal,
Aaj sukoon hai us maa ke shakl pr ,
Dekh bhi aansu gire zameen pr,
Tham gaye thy woh pal lg rhe thy sb viphal,
Subah ke chadhte suraj ne sunai aisi khbr ,
Khushi se woh pagal hokr timtimayi ghanto bhr,
Khushi ka hai mnzr pr yaad aati dinbhar
Court ka faisla der sahi aaya maa ke paalu pr..

8 saal bahut lamba time hota hai indian govt aur constitution dono hi slow hai..

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30 NOV 2019 AT 20:51

मैं थक चुका हु रेप रेप लिख के,
ओ सियासत वालों तुम्हे शर्म कब आएगी?

सात साल बाद भी जिंदा है निर्भया के कातिल,
तुम्हारे पानी खून में गर्मी कब आएगी ?

अरे बहरों कानून बदलो, एक महीने में फांसी दो,
या ये इन्तेजार है, की तुम्हारी बेटी की बारी कब आएगी ?

तिरंगा झुका दो, तुम हर रेप पे
देखूंगा फिर , आज़ादी असली कब आएगी ?

मैं थक चुका हूं, मोमबत्ती और काली DP से,
भगत सिंह के धमाके की आवाज़ , अब कब आएगी ?

वो मां कह रही है , ज़िंदा जला दो उस हैवान को,
उस माँ को नींद शायद अब तब आएगी ।।।

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26 JUL 2019 AT 14:45

ए देश मेरे तू जीता रहे,
तूने शेर के बच्चे पाले हैं|
एक लाल हुआ बलिदान तो क्या,
सौ लाल तेरे रखवाले है|
🇮🇳🇮🇳कारगिल दिवस🇮🇳🇮🇳

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17 AUG 2018 AT 17:10

खामी,,,
ऐसी क्या खामी है मुझमें जो किसी के दिल को न भाती,
रोज़ ये बात मुझे सोचने पर मजबूर कर जाती,,
सबकी ज़िन्दगी में एक दिन उजाला आता है,
मेरी ज़िंदगी से तो अंधेरा ही नही जाता है,,
यू तो परिश्रम हर दिन जारी है,
सोचते है किसी मुकाम पर जाएंगे,
रात होते तक एक ख्याल ही मन में रह जाता है,,
ऐसी क्या खामी है ,,
सवालों की इस दुनिया में जवाब ढूंढने निकलते है,
हर घंटे हर दिन खुद से सामना करते है,,
कहीं व्यर्थ न हो जाये ये समय सोचकर डर लगता है,
दूसरों की कामयाबी को देख कर डर लगता है,,
आज से 5 साल बाद में खुदको शीशे में देख क्या कहूंगा,
जो करा था इस जीवन में शायद उसी परिश्रम पर जियूँगा,,,
ऐसी क्या खामी है मुझमें , ऐसी क्या खामी है मुझमें।।

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6 JUN 2018 AT 23:13

शायद
कही बारिश तो कहीं ओले, ये क्या हाल बना गए ,
हर किसान की मेहनत और परिश्रम को साथ बहा गए,
शायद की तू इस दुनिया को देख पाता,
ये गरीब ही तो तुझे याद करते है,
मेरे ख्वाब पूरे न हो सके इसका कोई गम नही,
बस एक भूखे के पेट निवाला पहुंचा दे शायद ऐसा हो पाता,
दिन दहाड़े कोई अपना रुख पलट दे,
तेरी हर आवाज़ को मुझ तक पहुचने से पलट दे,
शायद तू होता तो ऐसा न होता ।

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6 JUN 2018 AT 1:40

बेदर्द सा हाल कर लिया ये क्या किया,
किसी की याद में पागल बनगए ये क्या किया,
अब तो बहुत देर होगयी है वापस लौटने में,
काश की तू पलटकर देखती तेरे बिना हमारा क्या हाल है।
किसी बेतुके से जवाब देकर ज़िन्दगी से जाना कोई तुझसे सीखे,
न चाहते हुए भी किसी का दिल दुखाना कोई तुझसे सीखे,
ये नकाब से चेहरा लगाए मेरी ज़िंदगी से गुज़र गयी,
इन आँखों ने ना जाने तुझे कैसे अपना बना लिया,
एक दिल ही तो था हमारे पास जो तूने उसे भी हमसे चुरा लिया ।
एक जानवर भी किसी के कर्ज का हिसाब चुका जाता है,
और जहां हर इंसान अपनी गलती को छिपा जाता है,
मेरे नसीब में तेरा प्यार नही था शायद,
ये दिल हर बार मुझसे कहलवाता है।।

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