आज हिन्दी दिवस है। दुःख की बात
तो यह है कि युवा वर्ग जो अपने जीवन की
व्यस्तता में इतना व्यस्त हैं कि
उसे यह दिन याद तक नहीं रहता है।
वास्तव में हम सभी जानते हैं कि
सर्वाधिक बोले जाने वाली
इस भाषा को वो सम्मान प्राप्त नहीं है
जो होना चाहिये और इसका कारण है
अपनी भाषा को तुच्छ समझना।
जब तक हम स्वयं अपने देश की धरोहर हमारी
मातृभाषा का सम्मान नहीं करेंगे
तब तक हम इसे सम्मान दिला नहीं पायेंगे।
किसी भी तरह की भाषा को सीखना,
उसे बोलना अपराध नहीं है पर अपनी
भाषा के प्रति हिन् भावना रखना
देश के प्रति गद्दारी के समान है।-
Anil Verma
413 Followers · 915 Following
Something is better than nothing.
Joined 28 March 2020
14 SEP AT 14:04
13 SEP AT 16:32
भ्रष्टाचार उस स्तर तक पहुँच चुका है कि,
कोई रिश्वत लेकर अगर समय से
काम कर दे तो वही व्यक्ति
ईमानदार की श्रेणी में आ जाता है..!-
10 SEP AT 18:18
जिस तरह की दुनिया है
मैं उस तरह का इंसान नहीं हूँ !
और दुनिया कैसी है
आप जानते ही होंगे !-
10 SEP AT 17:23
जिस तरह के अश्लीलता भरें
कंटेंट को सपोर्ट किया जा रहा है,
उससे यही साबित होता है कि
भारतीय लोगों की मानसिकता
दूषित हो चुकी है !-
7 SEP AT 18:48
आदमी को मर्द बने रहने के लिए
भी पैसों का होना बहुत जरूरी होता है,
वास्तव में देखा जाये तो
आदमी मर्द नहीं होता पैसा मर्द होता है!-
7 SEP AT 8:21
जीवन में कई बार आग लगाने वाले भी अपने होते हैं
और आग को बुझाने वाले भी अपने होते हैं!-