आज बड़ी बेरुखी है उसकी अदाओं मैं कभी मेरी जन्नत हुआ करती थी उसकी बांहों में कल तक मुझे अपना कहा था जिसने आज वह बात नहीं देखी उसकी निगाहों में - Anil sharma(Romee)
आज बड़ी बेरुखी है उसकी अदाओं मैं कभी मेरी जन्नत हुआ करती थी उसकी बांहों में कल तक मुझे अपना कहा था जिसने आज वह बात नहीं देखी उसकी निगाहों में
- Anil sharma(Romee)