कुछ अधुरे अर्मां सपनों की लहर में खेल रहे हैं,
अपने छुटते जा रहे अंजान लोग मिल रहे हैं,
थम थम के गुज़र रही है ज़िंदगी,
हम ज़िंदगी जी नहीं रहे जैसे झेल रहे हैं...-
गुम्सुम सी हूं यादों में उसकी
न जाने वो कैसे किस हाल में होगा,
तमन्ना है की उसे भी कभी हमसे मोहबत हो
क्या वो सिर्फ मेंरे सवाल में होगा?-
बहुत मुश्किल है आज के दौर में, मिलना सच्चा प्यार.
दिल जब किसी को कर ले स्वीकार, जुड़ जाते हैं मन के तार...-
बिक गया मेरा वजुद,
तेरी चाहत खरीदने में,
कुछ ईस कदर साज़िश थी तेरी,
ज़िंदगी मेरी बर्बाद करने में...-
दुनिया बदलने चले थे पता नही चला हम खुद कब बदल गये,
मंज़िल दूर है कोई साथ नहीं तो क्या हुआ हम अकेले ही चल दिये...-
जिसने जो चाहा वो उसे मिले हम यही दिल से चाहते हैं,
ईस नऐ साल में हर किसी की खुशियों की दुआ करते हैं...-
रब ही जाने न चाहते हुए भी
क्यों हम जिये जा रहे हैं,
कोई हमदम नहीं कोई साथ नहीं
अब तो खुद से भी दुर जा रहे हैं...-
कई सारे उम्मीद के सितारे देखें हैं बैठ समंदर किनारे,
साहिल से टकराती लेहरें अपने ही शोर में गुम बेसहारे...-
ज़िंदगी से अपनी कभी शिकवा नहीं किया,
जो भी दिया ज़िंदगी ने हमने खुशि से अपना लिया,
ना ज़रूरत से ज्यादा ख्वाहिश की न मांगा,
हर किसी के घम में घम खुशि में खुशि दिल से मना लिया...-
मदहोश दिल है तमन्ना हर धड़कन की है,
आघोश में भर लूं तुम्हें ख्वाहिश मेरे मन की है...-