कल बिछडना है तो आज ही बिछड जाओरूठा हूँ तुमसे थोड़ा हाल तो पुछ कर जाओए खुदा नहीं है कुछ शिकायत उससेतुम जा ही रही हो तो अपने यादें तो लेकर जाओ । -
कल बिछडना है तो आज ही बिछड जाओरूठा हूँ तुमसे थोड़ा हाल तो पुछ कर जाओए खुदा नहीं है कुछ शिकायत उससेतुम जा ही रही हो तो अपने यादें तो लेकर जाओ ।
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एक दिन सफर में ऐसे निकलेजैसे रूह से राख निकले मौत आई तो इतना सुकून मिला जैसे उसके जुबां से आह निकले ।। -
एक दिन सफर में ऐसे निकलेजैसे रूह से राख निकले मौत आई तो इतना सुकून मिला जैसे उसके जुबां से आह निकले ।।
तुम न आओ तो कोई गम नहीं हमारी महफिल में इश्क़ कम नहीं कतरा कतरा के जिंदगी हमें जीना नहीं आता फिर भी जी लिए,वरना यहाँ जहर कम नहीं । -
तुम न आओ तो कोई गम नहीं हमारी महफिल में इश्क़ कम नहीं कतरा कतरा के जिंदगी हमें जीना नहीं आता फिर भी जी लिए,वरना यहाँ जहर कम नहीं ।
कुछ इश्क़ अकेले में किएकुछ बिस्तर पे छोड़ आए ,ये हवस की दुनिया में चलो थोड़ा मुहब्बत किया जाए । -
कुछ इश्क़ अकेले में किएकुछ बिस्तर पे छोड़ आए ,ये हवस की दुनिया में चलो थोड़ा मुहब्बत किया जाए ।
तेरे इश्क़ में इस कदर तबाह हो गया हूँ जैसे खुद को मैं भूल सा गया हूँ ,जब कोई पूछे मुझसे मेरा हालमैं तेरा नाम कह दे रहा हूँ । -
तेरे इश्क़ में इस कदर तबाह हो गया हूँ जैसे खुद को मैं भूल सा गया हूँ ,जब कोई पूछे मुझसे मेरा हालमैं तेरा नाम कह दे रहा हूँ ।
मुहब्बत में तेरे इस तरह मुकम्मल हो जाऊँ तु जमीन मैं आसमां हो जाऊँ न हो कोई गुंजाइश इकबाल कि इस कांटे की दुनिया में मैं तेरा गुलाब हो जाऊँ । -
मुहब्बत में तेरे इस तरह मुकम्मल हो जाऊँ तु जमीन मैं आसमां हो जाऊँ न हो कोई गुंजाइश इकबाल कि इस कांटे की दुनिया में मैं तेरा गुलाब हो जाऊँ ।
ए खुदा ,मुहब्बत हमारी ऐसी हो किजब जब जुबां पे जिक्र हो तेरी तब तब याद आए हम । कोई नाम ले तेरी तो उसमें किस्सा हो जाए हम । -
ए खुदा ,मुहब्बत हमारी ऐसी हो किजब जब जुबां पे जिक्र हो तेरी तब तब याद आए हम । कोई नाम ले तेरी तो उसमें किस्सा हो जाए हम ।
कुछ बातें आज भी अनकही सी है कुछ सपने आज भी अनदेखी सी है ,काश तेरी आँखों से वे सपने चुरा लूँ तेरी ओठों से वे लफ्ज चुम लूँ ।काश ये हो पाता कभी ; -
कुछ बातें आज भी अनकही सी है कुछ सपने आज भी अनदेखी सी है ,काश तेरी आँखों से वे सपने चुरा लूँ तेरी ओठों से वे लफ्ज चुम लूँ ।काश ये हो पाता कभी ;
वह जो समझती थी राँझा मेरी कहानी कीउसे अपना दर्द सुनाकर लौट आया हूँ ,जो मौत दिखाता है लोगों को अपनी औकात मैं उस मौत को उसकी औकात दिखाकर लौट आया हूँ ।। -
वह जो समझती थी राँझा मेरी कहानी कीउसे अपना दर्द सुनाकर लौट आया हूँ ,जो मौत दिखाता है लोगों को अपनी औकात मैं उस मौत को उसकी औकात दिखाकर लौट आया हूँ ।।
न जाने क्या कमी थी मेरे इश्क़ में कि तुझे किसी और का होने पर मजबूर कर दिया ,गज़ब है तेरी बेवफाई भीन मैं तेरा हुआ न किसी और का होने दिया !! -
न जाने क्या कमी थी मेरे इश्क़ में कि तुझे किसी और का होने पर मजबूर कर दिया ,गज़ब है तेरी बेवफाई भीन मैं तेरा हुआ न किसी और का होने दिया !!