Anil Krishna   (Anil Krishna)
787 Followers · 688 Following

read more
Joined 13 December 2021


read more
Joined 13 December 2021
1 SEP AT 20:18

मुश्किल है करना पहिचान खुद की भी
यूं समाया हुआ है हर तरफ तू ही

-


31 AUG AT 18:58

जिंदगी में सुख दुख का आना जैसे होना दिन रात है
कभी सावन को तरसते हैं अब चाहें जाये बरसात है
फूलों की सुगंध सुंदरता से प्रेम महके हुए जज़्बात है
सब कुछ जरूरी यहां, पर मानवता की अलग बात है

-


31 AUG AT 9:13

भावों का खेल है सारा भावों से भोजन लजीज भी लगता है
शीष झुके ना झुके पलकों के मूंदने से अयोनिज भी दिखता है

-


31 AUG AT 7:37

इक वजह खास हो खुद से प्यार करने की
खुश रखने से खूबसूरती चेहरे पर है आती

ज्यों ज्यों उतरता है प्रेम हृदय के आंगन में
इक चमक सी चेहरे पर यूंहीं निखर है जाती

मौन मन घूमता है अपने ही मन-मस्तिष्क में
प्रेम ऊर्जा से मन में दया करुणा क्षमा है समाती

ना इंतजार ना विरह ना मिलन ना मुक्ति में
इक आत्मीयता ही जगत से प्रेम की है साक्षी

-


30 AUG AT 22:44

भरम मिटा नजरों में बसेरा हो गया
भीतर बाहर अब सब तेरा हो गया

-


30 AUG AT 15:38

उस पथ का राही हूं जिससे हूं मैं अनजान
भटकना नहीं उद्देश्य मेरा पर खुद से हो पहिचान
बहाव के विरुद्ध चलूं तो उद्गम को सकूंगा जान

-


29 AUG AT 22:03

सीखा है सबक जिंदगी जीने का तुमसे ही यारा
आखिरी सांसों तक दिल धड़के तेरे नाम से यारा

-


29 AUG AT 15:27

कल एक पोस्ट में देखा था ऐसे ही लिखा था उन्होंने
उससे प्रेरित होकर मैंने ये रचना उन्हें ही समर्पित की है ।






कुछ पल जीवन के
कुछ खास यादों में

कोई दौर अपना भी था
कोई नशा सा था प्रेम

कभी अतीत में झांकते हैं
कभी वो ग़लत थे कभी मैं

अब एकाकी हूं जीवन की संध्या में
अब प्रकृति को लौटाना है उसके पंचभूत

अभी जो है पर्याप्त है बल्कि उससे ज़्यादा है
अभी समय से पूर्व सब त्याग करते जाना है

-


29 AUG AT 13:54

इक शोर ज़माने का सुनने नहीं देता भीतरी गूंज को
कभी तो खुद को सुनने के लिए इक चुप्पी जरुरी हो
मसरुफ़ इतना भी ना रहो सामर्थ्य वान बन जाने को
चुनो जरुर सही राह जो राह तुम्हारा जमीर बताता हो

-


29 AUG AT 8:16

कभी मौसम खुशगवार हो तो सब मंजर सुहाना हो
लगे जैसे कि जिंदगी तेरी दुआओं का नजराना हो

कभी खिंजा का मौसम में हमें तेरा आजमाना हो
बदलता रहता दिन रात में सुख दुख का बहाना हो

कभी हमारी इन कोशिशों का जाया हो जाना हो
तू ना समझेगा दर्द फिर हमें किसको बताना हो

कभी इश्क की ख़्वाहिश मगर यार ही दीवाना हो
फकत ये ज़िंदगी जैसे तेरी कठपुतलियों का खेलना हो

कभी सैलाब आकर उजाड़े या बादलों का फटना हो
लगे कि जैसे हमें हमारी औकात को दिखाना हो

-


Fetching Anil Krishna Quotes