हम एक रहें हम नेक रहें
हम स्वस्थ रहें हम शिष्ट रहें
हम देश की शान बढायें
हम इस देश की मिट्टी जल
वायु अन्न का कर्ज चुकायें
हम इसे प्रदूषण से बचायें
हम इस धरा में वृक्ष लगायें
अपने सपनों का देश बनाये
जय हिंद जय मां भारती
जय जवान जय किसान
आप सभी बहन बेटियो
और भाईयों,मित्रों को
स्वाधीनता दिवस की शुभकामनायें
-
मन शून्य में विलीन हो जाये
या प्रकृति में रह कर उसे देखते
निहारते ही उसमें समा ... read more
रुह से जुड़े एहसासों में समाये रहे बस तू
इन रोशनी घुली सांसों मे सिर्फ तू ही तू-
बेशुमार प्रेम लुटा के भी खाली खाली हैं घर और दीवारे
तलाश में अपनेपन की अभी भी सुनसान से गलियारे
बढ़ा करती थी कभी हर शाम रौनके हमारी महफिलों में
आज सूखे हुए पत्ते समेटते है हम ही खुद सफाई करके-
हर किसी के दिल में बस कर क्या करोगे
ना मिला विसाल ए यार ना खुदा तब क्या करोगे-
जितना पाते कमाते भी नही हैं उससे अधिक खो देते हैं
हम ऐसे नासमझ हैं गल्तियों पर गल्तियां किया करते हैं
जहां भीड़ भाग रही हो हम उसी दौड़ में शामिल होते हैं
दुनियां इक बाजार है वहां से हम क्या क्या खरीदते हैं
सुकून की चाह में कितनी बार हम खुद को भी बेचते हैं
हमारी भावनाओं को कैसे कैसे प्रलोभन दिखाये जाते हैं
हमारी पहुंच से ऊपर के हमें सब्जबाग दिखाये जाते हैं
हमारा शिकार करने को सहूलियत से लोन दिये जाते हैं
इक बार फंसे तो हम जीवन भर नही उससे उभर पाते हैं
गांव से शहरी हुए हम नासमझ प्रदूषित हवाओं में जीते हैं
थोड़ा स्तर सुधारने में हम अपने मूल संस्कार भी खो देते हैं
दर्द बढ़ जाता है उमर बीतने पर शरीर खोखला कर लेते हैं
फिर शहर से वापस गांव जाने की जद्दोजेहत शुरु करते हैं
आधे अधूरे तन मन के साथ अपने परिवार को खो देते हैं
-
नदी तालाब झील किनारे
लुभाती हैं मन जो हवायें
दरक जाते हैं घर और दीवारें
खिसकती हैं कमजोर बुनियादें
-
मुस्कराहटों के सफर में बच कर ही निकलना
बस दूर से मिलना कोई भरम नहीं रखना
किसी सूरत के पहले उस की सीरत समझना
हवाओं के झोकों में प्रकृति की सुगंध चुनना
-
जिनसे दूर हूं आज फिर भी उनके करीब हूं
उनकी दुआओं में शामिल इतना खुशनसीब हूं
दुआयें स्नेहाशीष प्यार खुशियां बांधती कलाई में
भुलाकर सभी बैर आपसी जीवन की परछाई में
देखता हूं चमक रोशनी आती उन वृद्ध आंखो में
बांधकर रेशमी धागा प्रेम उमड़ता उन आंखों मे
-
जो दर्द खुद दवा हैं
इस बीमार ए हाल के
उन्हें यादों में सजाये हैं
बैठे इंतजार में उनके-