मर तो कब गया होता, यूं इंतज़ार करने की आदत नही,
लेकिन तुम्हें तो मेरी मैय्यत का भी ना पता चलता ।
सोचा था तुम्हें खुश रखुंगा हमेशा,
तब फिर मर के तुम्हें यूं अफ़सोस क्यों होने देता!
एक नज़र में चला था लोगों की पहचान करने,
खुद के साथ क्या हो रहा ये पहचान नहीं पा रहा !
अब तो बस एक ही ख़्वाब बच रहा,
मौत भी आये तो उसकी वजह तुम हो।
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Dear #Aafat💖
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