चारों ओर सफेद चादर बर्फ की,
उसकी याद आ गई धड़कती।
जैसे ही मिली नजर,
हम दोनों महोबत में हो गये बेखबर।-
I am also small time writer and has one... read more
आज बहुत अकेला हूं,
जीवन में कोई लक्ष्य नहीं,
कोई साथी नहीं।
जब औरों को देखता,
जोंड़ो में,
तो अपनी किस्मत को कोसता,
और अपने इस खालीपन को,
दूर करने का सोचता।-
झूमका पहनकर,
जब भी निकलती हो,
सारी नजरें ग्रिफत में ले लेती हो।
सब भुल जाते हैं सबकुछ,
झुमके का चर्चा होता है,
हर तरफ।
इसका तुम्हारे,
गालों को छेड़ना,
तुम्हारा फिर भी कुछ न कहना,
बल्कि इसे हर रोज पहनना,
बताता है इसकी शान,
ताउम्र बना रहेगा तेरा मेहमान।-
आज उसको,
किसी और की बाहों में देखा,
दिल के टूक्ड़े टूक्ड़े हो गये,
हर टुकड़ा,
कराह रहा था,
खोई हुई महौबत की दुहाई दे रहा था।
शायद महौबत का चिराग बुझ रहा है,
जिंदगी को चौराहे पर छोड़ रहा है।
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ऐसा क्यों हर बार होता,
महबूब का इंतजार कभी खत्म नहीं होता।
बस मैं उसकी राह पर नजरें गड़ाए बैठता,
लेकिन वो रास्ता हमेशा खाली रहता।
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उसकी नज़र में वो जादू,
जब भी वो देखती,
मेरी धड़कनें बढ़ जाती,
प्यार का संगीत बजाती।
ऐसा नशा चढ़ता,
मेरा अंग अंग बहकता।-
बरसात का मौसम,
टिप टिप पानी गिरता,
जब शरीर से गुजरता,
बहुत शांत करता।
एक अजीब सी,
ऊर्जा पैदा करता,
ये बदन में,
इतनी सफुर्ती लाती,
फिर से मन,
काम करने में,
डट जाने को करता।
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मां का चुंबन,
भर देता प्यार,
लुटाता लाड और दुलार,
है ये,
बहुत सी बीमारियों का इलाज,
बच्चे के मुंह पर,
ले आता,
मुस्कराहटों की बहार,
समझा जाता,
प्यार का,
सबसे नायाब तोहफा।-
बारिश पर,
लगा विराम,
बच्चे आ गये बाहर,
खेलने लगे,
मिल जुलकर।
चेहरे पर खुशी लौट आई,
सुरज भी लेने लगा अंगड़ाई,
इंद्रधनुष ने भी,
झांकी दिखलाई,
आखिर प्रकृति भी,
खिलकर मुस्कराई।-
गुलाबी रंग,
जैसे गालों पर हया,
जब उसने छुआ उनको,
एक बिजली कौंधी,
पुरा शरीर,
ऊर्जावान हुआ,
सबकुछ भूल गया,
और उसमें खो गया।
दोनों डूब गये,
एक दुसरे की,
नजरों में,
समय ठहर गया,
प्यार शुरू हो गया।
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