जहा तक मुझसे मतलब है जहाँ को,
वही तक मुझको पूछा जा रहा है।
जमाने पर भरोसा करने वालो,
भरोसे का जमाना जा रहा है-
माना की हम अदब से बात नहीं करते,
पर ये मानो हम मतलब से बात नहीं करते।
ये नरम लेहेजा , प्यारी बाते सिर्फ तेरे लिए है,
हम इस लेहेजे मे सबसे बात नहीं करते।।-
अगर मे रूठ गया था , तो तुम मुझे मनाने आते।
काश मेरे गुस्से पर , तुम मुझे समझाने आते।।
और पलट कर मांग लेता मे माफी तुमसे ।
मेरी जान अगर तुम मुझपर हक़ जाताने आते।।
और भले हि सच झूठ मे उलझी है दुनिया यहा,
मे मान लेता हर वो बात जो तुम बताने आते।।-
मिला के वक़्त से आँखे हर एक लम्हा चुरा ले हम,
जो अपने हो नहीं पाए उन्हे अपना बना ले हम।
यहा ढूंढे से भी खुशिया कहा मिलती है जमाने मे,
चलो अपने ही गम् भी आज थोड़ा मुस्कुरा ले हम ।।
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बताने की बात तो नहीं है ,पर बताने दोगी क्या,
इश्क़ बेपनाह है तुमसे , एक बार जताने दोगी क्या।-
उसको फुर्सत नहीं मिलती की वो पलट कर देखे,
हम हि दीवाने है जो दीवाने बने रहते है।-
की बेटिया नसीब से तो बेटे दुआओ के बाद आते है,
अजी हम लड़के है जनाब हम कुछ ज़िम्मेदारिओ के साथ आते है।
आधी उम्र ज़िम्मेदारिया को समझने मे गुज़र जाती है,
तो आधी उसे निभाने मे।
पूरा बचपन किताबो मे गुज़रता है तो जवानी कमाने मे।
ये ज़िम्मेदारिया उम्र के साथ बढ़ती है, ये बुढापे मे भी कम नहीं होता।
अरे कौन कहता है जनाब हम लड़को की ज़िंदगी मे गम नहीं होता-
तु ज़रूरी है हर ज़रूरत आज़माने क बाद,
तु चलाना अपनी मर्ज़ी मेरे दूर हो जाने के बाद।
है सितम ये भी की हम तुझे चाहते है,
वो भी इतना सितम ढाने के बाद।।-
मैने जो कुछ भी सोचा है,
मै वो वक़्त आने पर कर जाऊंगा ।
तु मुझे ज़हर लगती हो,
और मैन किसी दिन तुम्हे पीके मर जाऊंगा।— % &-
वो रूठा रहे मुझसे ये मंजूर है लेकिन,
यारो उसे समझाना मेरे दिल् का शहर ना छोड़े।
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